मणिपुर में लागू होगा ये नया नियम, तंग आकर सरकार ने लिया फैसला
मणिपुर सरकार ने कार्यालय नहीं आने वाले अपने कर्मचारियों के लिए “नो वर्क, नो पे” नियम लागू करने का निर्णय लिया है। इसके लिए सामान्य प्रशासन विभाग (जीएडी) को उन कर्मचारियों का विवरण प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है जो राज्य में मौजूदा स्थिति के कारण अपने काम पर उपस्थित नहीं हो पा रहे हैं।
जीएडी सचिव माइकल एकॉम के अनुसार 12 जून को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार मणिपुर सचिवालय को सूचित किया गया कि उन सभी कर्मचारियों पर “नो वर्क, नो पे” नियम लागू किया जाएगा जो छुट्टी की मंजूरी के बिना अपनी ड्यूटी पर नहीं आते हैं।
मणिपुर सरकार में एक लाख कर्मचारी हैं.
सर्कुलर में सभी प्रशासनिक सचिवों से उन कर्मचारियों का विवरण प्रस्तुत करने के लिए भी कहा गया है जो राज्य में मौजूदा स्थिति के कारण अपनी ड्यूटी पर उपस्थित नहीं हो रहे हैं। इसके लिए विभाग को अधिकतम 28 जून तक का समय दिया गया है।
ज्ञात हो कि मणिपुर में मैतेई और कुकी समुदायों के बीच जातीय हिंसा में अब तक 100 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। मैतेई समुदाय की अनुसूचित जनजाति (एसटी) दर्जे की मांग के विरोध में कई जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ आयोजित किए जाने के बाद 3 मई को पहली बार झड़पें हुईं।
बता दें कि मणिपुर की आबादी में मैतेई लोगों की संख्या लगभग 53 प्रतिशत है और वे ज्यादातर इम्फाल घाटी में रहते हैं। आदिवासी – नागा और कुकी – आबादी का 40 प्रतिशत हिस्सा हैं और पहाड़ी जिलों में रहते हैं।
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