बिहार

व्यवस्था की लालफीताशाही से पीड़ित हुआ ड्यूटी पर कार्यरत जवान

अधिकारी ने अपनी ताकत का गलत प्रयोग किया

डेस्क: बिहार के अररिया जिले में कार्यरत पदाधिकारी रास्ते से जा रहे थे तभी ड्यूटी पर कार्यरत उस जवान ने उनको रोककर उनसे पूछताछ की इससे आहत होकर कृषि पदाधिकारी ने थाना प्रभारी को अपना परिचय देते हुए उस जवान के नाम पर दुर्व्यवहार करने की शिकायत की.

कृषि पदाधिकारी मनोज कुमार को बस इस बात से ठेस पहुँच गई कि होम गार्ड के जवान ने हाथ देकर इसकी गाड़ी रोक दिया. फिर थाना प्रभारी के साथ मिलकर इसने जवान को उठक बैठक कराई और पैरों के नीच गिराकर माफ़ी भी मंगवाई. ऐसे समय में जब हम अपने घरों में बंद हैं, कोई हमारी सुरक्षा के लिए भरी दोपहरी में खड़ा रहता है.

सरकारी लालफीताशाही का आलम यह है तो इससे अंदाजा लगाया जा सकता है की अपना रुतबा दिखाने के उक्त अधिकारी ने अपनी ताकत का गलत प्रयोग किया. अब लाख टके का सवाल यह है कि क्या उक्त अधिकारी को उसके किया की सजा मिलेगी. इससे शर्मनाक और कोई तस्वीर नहीं हो सकती. हमारी सुरक्षा के लिए दिनरात एक कर देने वालों के साथ.

इस तरह का आचरण करना कहां तक उचित है. ड्यूटी पर कार्यरत जवानों का मनोबल बनाए रखने के सरकार और बिहार पुलिस महानिदेशक श्री गुप्तेश्वर पांडे को इन सवालों का जवाब ढूंढना पड़ेगा. यह खबर मीडिया में वायरल होगी और सरकार तक भी पहुंचेगी. यह भी तय है. साथ ही आम लोगों को भी व्यवस्था की लालफीताशाही का पता चलेगा. हाल ही में बिहार सरकार के विधायक ने अपने प्रभाव का प्रयोग करके राजस्थान के कोटा से अपने पुत्र को घर लाने में सफलता प्राप्त की थी.

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