राष्ट्रीय
‘जनता कर्फ्यू’ के दिन शाम 5 बजे सभी देशवासी बजायें ‘ताली और थाली’
रविवार को ठीक 5 बजे, हम अपने घर के दरवाजे पर खड़े होकर, बाल्कनी में, खिड़कियों के सामने खड़े होकर 5 मिनट तक ऐसे लोगों का आभार व्यक्त करें.
डेस्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार रात आठ बजे देशवासियों से अपील करते हुए रविवार (22 मार्च) को जनता कर्फ्यू का पालन करते हुए शाम पांच बजे ताली और थाली बजा कर आपातकालीन व जरूरी सेवा देने वाले नागरिकों का अभिवादन करने की अपील की है. उन्होंने उम्मीद जतायी कि सारे देशवासी ऐसा करके वैश्विक महामारी से बचाव के लिए अपनी एकजुटता दिखायेंगे. उन्होंने कहा : रविवार को ठीक 5 बजे, हम अपने घर के दरवाजे पर खड़े होकर, बाल्कनी में, खिड़कियों के सामने खड़े होकर 5 मिनट तक ऐसे लोगों का आभार व्यक्त करें. उन्होंने स्थानीय प्रशासन से आग्रह किया कि वे 22 मार्च को शाम पांच बजे साइरन बजाकर इसकी सूचना लोगों तक पहुंचाएं.
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने क्या-क्या कहा :
- पूरा विश्व इस वक्त संकट के बड़े गंभीर दौर से गुज़र रहा है. आमतौर पर जब कभी कोई प्राकृतिक संकट आता है, तो कुछ एक देशों या राज्यों तक सीमित रहता है. पहली बार दुनिया भर के सभी देश इस संकट से जूझ रहे हैं.
- इन दो महीनों में भारत के 130 करोड़ नागरिकों ने कोरोना वैश्विक महामारी का डटकर मुकाबला किया है, आवश्यक सावधानियां बरती हैं. लेकिन, बीते कुछ दिनों से ऐसा भी लग रहा है जैसे हम संकट से बचे हुए हैं, सब कुछ ठीक है.
- वैश्विक महामारी कोरोना से निश्चिंत हो जाने की ये सोच सही नहीं है. इसलिए प्रत्येक भारतवासी का सजग रहना, सतर्क रहना बहुत आवश्यक है.
- मुझे आपके आने वाले कुछ सप्ताह चाहिए, आपका आने वाला कुछ समय चाहिए.
- अभी तक विज्ञान, कोरोना महामारी से बचने के लिए, कोई निश्चित उपाय नहीं सुझा सका है और न ही इसकी कोई वैक्सीन बन पाई है. ऐसे में चिंता बढ़ना स्वाभाविक है.
- कुछ देशों में शुरुआती कुछ दिनों के बाद अचानक बीमारी का जैसे विस्फोट हुआ है. इन देशों में कोरोना से संक्रमित लोगों की संख्या बहुत तेजी से बढ़ी है. भारत सरकार इस स्थिति पर, कोरोना के फैलाव के इस ट्रैक रिकॉर्ड पर पूरी तरह नजर रखे हुए है.
- आज जब बड़े-बड़े और विकसित देशों में हम कोरोना महामारी का व्यापक प्रभाव देख रहे हैं, तो भारत पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा, ये मानना गलत है.
- इस वैश्विक महामारी का मुकाबला करने के लिए दो प्रमुख बातों की आवश्यकता है. पहला- संकल्प और दूसरा- संयम.
- आज हमें ये संकल्प लेना होगा कि हम स्वयं संक्रमित होने से बचेंगे और दूसरों को भी संक्रमित होने से बचाएंगे. इस तरह की वैश्विक महामारी में, एक ही मंत्र काम करता है- “हम स्वस्थ तो जग स्वस्थ”.
- संयम का तरीका क्या है- भीड़ से बचना, घर से बाहर निकलने से बचना. आजकल जिसे Social Distancing कहा जा रहा है, कोरोना वैश्विक महामारी के इस दौर में, ये बहुत ज्यादा आवश्यक है.
- इसलिए मेरा सभी देशवासियों से ये आग्रह है कि आने वाले कुछ सप्ताह तक, जब बहुत जरूरी हो तभी अपने घर से बाहर निकलें.
- मेरा एक और आग्रह है कि हमारे परिवार में जो भी सीनियर सिटिजन्स हों, 65 वर्ष की आयु के ऊपर के व्यक्ति हों, वो आने वाले कुछ सप्ताह तक घर से बाहर न निकलें.
- बेवजह अस्पतालों के चक्कर न लगाएं. अगर बहुत ज़रूरी न हो तो अपने आसपास के डॉक्टरों से ही काम चलाने की कोशिश करें.
- मैं आज प्रत्येक देशवासी से एक और समर्थन मांग रहा हूं. ये है जनता-कर्फ्यू. जनता कर्फ्यू यानि जनता के लिए, जनता द्वारा खुद पर लगाया गया कर्फ्यू.
- 22 मार्च, रविवार के दिन सुबह 7 बजे से रात 9 बजे तक सभी लोगों को जनता कर्फ़्यू का पालन करना है. ये बताएगा कि हम कोरोना महामारी के संकट से निपटने के लिए कितने तैयार हैं.
- हर व्यक्ति जनता कर्फ़्यू के बारे में कम से कम 10 और लोगों को बताने की कोशिश करें.
- इस मुश्किल वक्त में आवश्यक सेवाएं, जैसे कि मेडिकल सुविधाएं, सूचना सेवाएं, स्वच्छता सेवाएं, होम डिलिवरी, एयरलाइंस सेवाएं, परिवहन सेवाएं आदि पहले की तरह चलती रहेंगी.
- संक्रमण के खतरे के बावजूद आवश्यक सेवाएं हम तक पहुंचा रहे हैं. देश ऐसे सभी लोगों और संगठनों का कृतज्ञ है.