बीजेपी ने पीएम की भतीजी को नहीं दिया टिकट, कांग्रेस की सरकार होती तो क्या होता?
डेस्क, भारत की राजनीति बहुत अजीब है. एक तरफ किसी की नाक अपनी दादी से मिलने पर वह प्रधानमंत्री पद की उम्मीदवार बन जाती है, तो दूसरी तरफ प्रधानमंत्री की भतीजी होने पर भी किसी को नगर निकाय चुनाव के लिए टिकट नहीं मिलती. यहां हम बात कर रहे हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भतीजी सोनल मोदी के बारे में जिन्हें भाजपा ने अहमदाबाद नगर निकाय चुनाव के लिए टिकट देने से मना कर दिया. इसके पीछे उन्होंने भाजपा के नए नियमों का हवाला दिया.
एक तरफ जहां ट्रैफिक पुलिस द्वारा बिना हेलमेट के होने पर रोके जाने पर कई लोग विधायक चाचा व सांसद फूफा का नाम लेकर बचने की कोशिश करते हैं, वहीं दूसरी ओर प्रधानमंत्री की भतीजी होने पर भी सोनल मोदी को भाजपा ने अहमदाबाद नगर निकाय चुनाव के लिए टिकट नहीं दिया.
ज्ञात हो कि नरेंद्र मोदी 2001 से 2014 तक 4 बार गुजरात के मुख्यमंत्री रह चुके हैं. इसके बाद 2014 में और 2020 में चुनाव जीतकर वे भारत के प्रधानमंत्री बने. चुनावी प्रक्रिया के हिसाब से वे 2024 तक भारत के प्रधानमंत्री रहेंगे. आगे वह प्रधानमंत्री बनते हैं या नहीं यह समय के साथ ही पता चलेगा. लेकिन फिलहाल उनके प्रधानमंत्री होने का फायदा उनके परिवार वालों को नहीं हो रहा.
सोनल मोदी का कहना है कि उन्होंन प्रधानमंत्री के भतीजी के तौर पर नहीं बल्कि भाजपा के कार्यकर्ता के तौर पर चुनाव का टिकट मांगा था. फिर भी उन्हें टिकट देने से इंकार कर दिया गया. हो सकता है यदि वह कांग्रेस में होती तो केवल नगर निकाय चुनाव क्या चीज है, कम से कम अपने पार्टी का अध्यक्ष तो बन ही जाती या फिर वे प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार भी बन ही सकती थी. लेकिन भाजपा के प्रधानमंत्री के भतीजी होने का उन्हें कोई खास लाभ नहीं हुआ.
– अभिषेक पाण्डेय