अभिव्यक्ति

‘INDIA’ का गठन देश के लिए खतरे की उद्घोषणा है!

भारत अपने गौरव को पुनः अर्जित कर ही रहा था कि ‘INDIA’ की गठन इसके सपनों को चकनाचूर करने के लिए आगे आ गया। देश के भ्रष्टाचारी नेतृत्वों को, रिश्वतखोर दलालों को और संवेदनशील चोरों को जेल तक पहुँचाने के लिए CBI और ED का महाजाल पसरने ही लगा था कि 26 दलों का ‘INDIA’ आ गया।

अब न तो पश्चिम बंगाल में बामफ्रंट + कांग्रेस तृणमूल के भ्रष्टाचार के विरुद्ध आवाज उठायेगी और न ही तृणमूल इनके विरुद्ध कुचक्रों का जिक्र करेगी। अकेली भाजपा भ्रष्टाचार के विरुद्ध कहाँ तक लड़ पाएगी ? अब तक तो तृणमूल के भ्रष्टाचार के विरुद्ध भाजपा के साथ बामफ्रंट और कांग्रेस एक स्वर में CBI और ED की माँग कर रहे थे।

विकास रंजन भट्टाचार्या बामफ्रंट और कांग्रेस की ओर से CBI और ED की माँग करते हुए हाईकोर्ट में केश दर केश लड़ रहे थे। लेकिन अब ‘INDIA’ गठन के बाद शायद वे भी CBI और ED की माँग करना छोड़ देंगे। तृणमूल कांग्रेस एक बार पुनः सबल हो गई। अब दहाड़े मार मार कर कहेगी कि हमारे साथ 26 पार्टी हैं और तुम्हारे पास ?

अब तो बिहार में राजद और जदयू की बोलबाला निश्चित है, क्योंकि इनके साथ भी 26 पार्टियों का साथ है। उनकी तूती बोलेगी। अकेली भाजपा कुछ नहीं कर पाएगी। एक चिराग क्या करेगा।

पुरब से पश्चिम तक और उत्तर से दक्षिण तक के सभी भ्रष्ट नेतृत्व एक मंच बना डाला – ‘INDIA’ अब इस मंच के सहारे अपने अपने भ्रष्टाचार को, अपने अपने रिश्वत से उपार्जित आय को और अपने अपने चार्जशीट को मिटाकर क्लीन चिट हासिल करेंगे। अपने मुख पर लगी कालिमा को धोकर साफ-सुथरा छवि वाले नेतृत्व कहलायेंगे।

मेरी दृष्टि में ‘INDIA’ गठन का एकमात्र उद्देश्य यही है। यदि ध्यान से देखा जाये तो ‘INDIA’ में सम्मिलित सभी दलों के नेतृत्व CBI और ED के गिरफ्त में फँसे हैं। इन सबों का एक मात्र लक्ष्य है मोदी को हराकर देश की गद्दी को हथियाना। फिर CBI और ED के समस्त केशों को गंगा की धारा में प्रवाहित कर देना।

अब प्रश्न उठता है, क्या अब अकेली भाजपा देश में फैले भ्रष्टाचार से लड़ पायेगी ? नामुमकिन है अकेले लड़ना। वैसे तो कहने के लिए ‘NDA’ के साथ भी 38 राजनीतिक दल हैं। लेकिन कुछेक को छोड़कर अधिकांश छोटे छोटे दल ही हैं। अधिकतर दलबदलू प्रवृत्ति के हैं। उनकी परीक्षा भी सामने राज्यसभा की वोट से ही हो जाएगी।

यदि UCC और अध्यादेश जैसे मुद्दों के मामले में दोनों सदनों से भाजपा को विजयश्री मिल जाती है तो यह निश्चित हो जाएगी कि ‘INDIA’ से ‘NDA’ को कोई खतरा नहीं है। ‘INDIA’ सिर्फ नाम के लिए रह जाएगी। 2024 में पुनः मोदी जी के नेतृत्व में NDA की सरकार बनेगी। लेकिन यदि दोनों सदनों से UCC और अध्यादेश को लागू कराने में भाजपा सरकार असफल हो जाती है तो यह स्पष्ट हो जाएगा कि भारत का भविष्य अंधकारमय होना अवश्यंभावी सत्य है। प्रधानमंत्री ‘INDIA’ का बनना तय हो जाएगा। देश भ्रष्ट नेतृत्व के हाथ में चला जाएगा।

जो काम आजतक CBI और ED ने किया है वह मट्टी पलीद हो जाएगा। कार्यपालिका और न्यायपालिका के बीच कोई अंतर नहीं रहेगा। कार्यपालिका और न्यायपालिका चोर चोर मसौरे भाई हो जाएंगे। सुप्रीम कोर्ट की मनमर्जी तानाशाह का रूप ले लेगी। जनता त्राहि त्राहि करने लगेगी। नेतृत्व से लेकर अधिकारी तक बिकाऊ हो जाएँगे। आपसी रस्साकसी और आपसी नोकझोंक का बोलबाला होगा।

दिनदहाड़े छीनाझपटी, व्यभिचारी और मर्डर की सिलसिला चालू हो जाएगा। कोई किसी का नहीं सुनेगा। सब के सब अपनी डफली बजाएँगे। देश दल दल में फँस जाएगा। देश पर पाकिस्तानी सेना राज्य करेगी। चीन गुब्बारे की तरह उड़ान भरने लगेगा। एक वाक्य में कहे तो ‘INDIA’ का गठन देश के लिए खतरे की उद्घोषणा है।

Dr Mayashankar Jha

– डाॅ माया शंकर झा ‘राष्ट्रभाषा-रत्न’
राष्ट्रीय अध्यक्ष, भारत भारती समाज

नोट: उक्त लेख लेखक के अपने विचार हैं। इसमें दी गई जानकारी से AKJNEWS.COM का कोई लेना देना नहीं है।

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