वाट्सएप का मायाजाल – अमित कुमार अम्बष्ट “आमिली”
भारत में तकरीबन 40 करोड़ लोग इंस्टेंट मैसेजिंग ऐप वाट्सएप का इस्तेमाल करते हैं, जबकि वैश्विक स्तर पर इसको इस्तेमाल करने वालों की संख्या तकरीबन 2 बिलियन है, कहने में कोई अतिशयोक्ति नहीं कि आज वाट्सएप हमारे जीवन शैली में शामिल हो चुका है, चाहे निजी चैट की बात हो, व्यापार संबंधी कोई बातचीत हो या समूह सृजन कर एकसाथ कई लोगों को अपनी बात पहुचानी हो, कोई तस्वीर या वीडियो साझा करना हो , यहाँ तक की किसी को इंटरनेट के माध्यम से साधारण काॅल या वीडियो काॅल ही क्यों नहीं करना हो, हम ज्यादातर वाट्सएप पर ही निर्भर हैं। कंपनी ने भारत में वाट्सएप पेमेंट सर्विस भी लांच किया है।
कुल मिलाकर यह कह सकते है वाट्सएप पर हमारी निर्भरता बहुत अधिक है । लेकिन पिछले दिनों जिस तरह से वाट्सएप ने अपनी प्राईवेशी पाॅलिशी को अपडेट करने की बात कही है, भारत ही नहीं पूरे विश्व में इसकी चर्चा है और अधिक्तर लोग वाट्सएप का विकल्प तालाश रहें हैं।
वाट्सएप की नयी परिवर्तित प्राईवेशी पाॅलिशी , जिसमें कहा गया था कि वाट्सएप यूजर्स को 8 फरवरी तक स्वीकार करना ही होगा अन्यथा जो भी यूजर्स इसे स्वीकार नहीं करेंगे उसका अकाउंट कंपनी द्वारा बंद कर दिया जाएगा । हालांकि भारी विरोध के बाद अब इसे मई तक टाल दिया गया है।
सवाल उठता है कि आखिर वाट्सएप की नयी प्राईवेशी पाॅलिशी है क्या? और आखिरी ऐसा क्या है जो वाट्सएप इस्तेमाल करने वालों को इसके विकल्प की तालाश है।
वाट्सएप की नयी प्राईवेशी पाॅलिशी के अनुसार वाट्सएप इस्तेमाल करने वाले को इस बात की सहमति देनी है कि उनका डेटा फेसबुक और इंस्टाग्राम से साझा किया जा सकता है, लेकिन अगर ऐसा होता है तो सबसे बड़ी समस्या है यूज़र्स के निजता के हनन की है। आमतौर पर वाट्सएप का इस्तेमाल करने वाले जो कुछ भी वाट्सएप पर किसी के साथ साझा करते हैं, वह दो यूज़र्स के बीच ही रहता है, लेकिन, इस नये पाॅलिशी के लिए सहमती देने के बाद जो कुछ भी यूज़र्स वाट्सएप पर साझा करेंगे उसे वाट्सएप, फेसबुक और इंस्टाग्राम से साझा कर सकता है, ऐसे में सबसे बड़ा खतरा निजी बातों के सार्वजनिक हो जाने का है या यूँ कहें कि लीक हो जाने का है। ऐसे में वाट्सएप इस्तेमाल करने वाले यूज़र्स को वाट्सएप पर कुछ भी साझा करने से पहले यह जरूर ध्यान रखना होगा कि उसके लीक हो जाने से उसके जीवन पर कोई प्रभाव न पड़े।
हालांकि विश्व भर में इस नयी पाॅलिशी के विरोध बाद वाट्सएप लगातार अपनी सफाई दे रहा है।
कंपनी ने अपने बयान में यह साफ किया है कि वाट्सएप आम लोगों के निजी मैसेज और काॅल का डेटा नहीं लेगा, यानि कंपनी मैसेज और काॅल के लाॅग अपने पास नहीं रखेगी और इसपर कोई निगरानी भी नहीं होगी।
वाट्सएप ने यह भी साफ किया है कि यूज़र्स के लोकेशन का डेटा भी फेसबुक से साझा नहीं किया जाएगा। कंपनी से अपने बयान में यह भी कहा है कि कांटैक्ट डिटेल्स भी फेसबुक से साझा नहीं किया जाएगा। वाट्सएप के निजी समूह भी कंपनी के अनुसार प्राइवेट ही रहेगी और उसे फेसबुक के साथ साझा नहीं किया जाएगा। कुल मिलाकर कंपनी ने अपने बयान में यह साफ करने की कोशिश की है नयी प्राइवेट पाॅलिशी का आम आदमी के जीवन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा यह बदलाव सिर्फ वाट्सएप के बिजनेस अकाउंट को बेहतर माहौल देने और उसके प्रसार के लिए है ।
हालांकि कंपनी ने वाट्सएप की नयी प्राईवेशी पाॅलिशी को मई तक टाल दिया है और हो सकता है वे इसे फिर से कुछ बदलाव के साथ लांच करें लेकिन अगर नयी प्राईवेशी पाॅलिशी का प्रारूप नहीं बदलता है तो इससे कोई संदेह नहीं की वाट्सएप के तमाम दावों और बयान के बावजूद यूजर्स की निजता खतरे में रहेगी। क्योंकि जैसे ही हम अपने डेटा के इस्तेमाल की स्वीकृति देंगे, यह कंपनी पर निर्भर करेगा कि वह किस – किस डेटा और जानकारी की निगरानी अथवा इस्तेमाल करेगी अथवा नहीं करेगी, तमाम बयान के बावजूद अगर कंपनी अपने बयान से मुकर जाती है तो उसपर कोई कानूनी कारवाई करना बेहद मुश्किल होगा क्योंकि यूजर्स अपने डेटा के इस्तेमाल की पहले ही स्वीकृति दे चुके होंगें।
अगर कंपनी चाहती है या चाहेगी कि यूज़र्स उनकी नयी प्राईवेशी पाॅलिशी को वर्तमान प्रारूप में ही स्वीकृति दे तो उसे सिर्फ बयान में नहीं अपितु लिखित रूप से यह स्वीकृति देनी चाहिए कि अगर किसी यूजर्स के डेटा का इस्तेमाल होता है या उसपर निगरानी होती है तो कंपनी पर कानूनी कारवाई की जा सकती है। फिलहाल तो वाट्सएप की नयी प्राईवेशी पाॅलिशी और बयान किसी मायाजाल से कम प्रतीत नहीं होता है।