महात्मा गांधी की परपोती हुई गिरफ्तार, जानिए गिरफ्तारी की वजह
डेस्क: महात्मा गांधी, जिन्हें राष्ट्रपिता कहकर भी संबोधित किया जाता है, का नाम सभी देशवासी सम्मान के साथ लेते हैं। भारत को अंग्रेजों से आजादी दिलाने में उनका बहुत बड़ा हाथ रहा है। अहिंसा के पथ पर चलते हुए उन्होंने भारत को आजादी दिलवाई।
लेकिन महात्मा गांधी की परपोती आशीष लता रामगोबिन के ऊपर धोखाधड़ी और जालसाजी का आरोप लगाया गया है। धोखाधड़ी का आरोप लगने के बाद उन पर दक्षिण अफ्रीका के डरबन कोर्ट में कार्यवाही की गई।
बता दें कि उन पर 60 लाख रुपए से भी अधिक की धोखाधड़ी का आरोप है। उन पर आरोप लगाया गया है कि उन्होंने बिजनेसमैन ऐस.आर. महाराज के साथ लगभग 60 लाख रुपए का फ्रॉड किया है।
उन पर आरोप है कि उन्होंने एस.आर. महाराज से एक कंसाइनमेंट के लिए आयात और सीमा शुल्क के तौर पर 62 लाख रुपए लिए थे। महाराज ने भी उनके परिवारिक इतिहास को देखते हुए उन्हें लिखित समझौते के साथ 62 लाख रुपए दे दिए।
हालांकि बाद में उन्हें पता चला कि उन्होंने जिस कंसाइनमेंट के दस्तावेज महाराज को दिखाए थे, वह जाली थे। यह पता चलने के बाद ही उन्होंने आशीष लता रामगोबिन के ऊपर केस कर दिया। इस केस में दक्षिण अफ्रीका के कोर्ट का फैसला 7 जून 2021 को आया। इसके फैसले में उन्हें 7 साल की जेल की सजा दी गई।
बता दें कि आशीष लता रामगोबिन खुद को एक एक्टिविस्ट बताती है। वह एक एनजीओ “इंटरनेशनल सेंटर फॉर नॉन वायलेंस” की संस्थापक और कार्यकारी निदेशक भी हैं। महात्मा गांधी के कई अन्य वंशज भी मानवाधिकार कार्यकर्ता रह चुके हैं।