पदनाम परिवर्तन की मांग पर बिहार के सचिवालय सहायकों ने दिया शांतिपूर्ण धरना, रखा उपवास
डेस्क: बिहार सचिवालय सेवा संघ के तत्वावधान में सचिवालय सहायकों ने पदनाम परिवर्तन सहित अन्य मांगों को लेकर गांधी जयंती के दिन पटना के गर्दनीबाग में एक दिवसीय शांतिपूर्ण धरना दिया और अपनी आवाज बुलंद की।सांकेतिक उपवास सह धरना कार्यक्रम में बड़ी संख्या में सचिवालय कर्मी शामिल हुए।सचिवालय संघ के पदाधिकारियों का कहना है कि बिहार सचिवालय कर्मियों की कई मांगें काफी समय से लंबित है, लेकिन अब तक इस पर कोई विचार नहीं किया गया।
संघ के अध्यक्ष विनोद कुमार एवं महासचिव प्रशांत कुमार ने बताया कि हमारी प्रमुख मांग बिहार सचिवालय सेवा संवर्ग के मूल कोटि के पद सचिवालय सहायक का पदनाम परिवर्तित कर केंद्र के अनुरूप सहायक प्रशाखा पदाधिकारी करने एवं सचिवालय सहायक पद पर नियुक्ति बीपीएससी के माध्यम से कराए जाने की है। इसके अलावे कई अन्य मांगें हैं। लेकिन राज्य सरकार हमारी मांग पर अब तक कोई विचार नहीं किया है।
इसके पहले भी सचिवालय संघ कई बार संकेतिक आंदोलन कर चुका है। मांग के समर्थन में संघ के पदाधिकारी सरकार में बैठे बड़े अधिकारियों को ज्ञापन भी दिया है, वार्ता भी हुई है। उन्होंने कहा कि नवंबर, 2018 में बिहार के मुख्य सचिव तथा संघ के पदाधिकारियों के बीच हुई वार्ता में शीघ्र सकारात्मक निर्णय लिए जाने का आश्वासन दिए जाने के बावजूद अब तक सचिवालय सहायकों का न तो पदनाम परिवर्तन किया गया और न ही बीपीएससी के माध्यम से नियुक्ति की कार्रवाई की गई है। इसके चलते हमलोग गांधी जयंती के दिन धरना व उपवास करने पर विवश हुए। संघ के पदाधिकारियों ने यह भी कहा कि यदि उपरोक्त मांगों पर राज्य सरकार जल्द निर्णय नहीं लेती है तो संघ चरणबद्ध आंदोलन के लिए बाध्य होगा।
कई राज्यों ने पहले ही कर दिया है पदनाम परिवर्तित
संघ के पदाधिकारियों ने दावा किया कि भारत सरकार का अनुसरण करते हुए कई राज्यों ने पहले ही सचिवालय सहायक का पदनाम परिवर्तित कर सहायक प्रशाखा पदाधिकारी कर दिया है, जिसमें झारखंड भी शामिल है। उन्होंने साथ ही कहा कि सचिवालय सहायक का पदनाम परिवर्तन किए जाने से बिहार सरकार पर किसी प्रकार का वित्तीय बोझ नहीं पड़ेगा। इसके बावजूद सरकार ने इस मांग को ठंडे बस्ते में डाल कर रखा है।
इस शांतिपूर्ण धरना व उपवास कार्यक्रम में संघ के कोषाध्यक्ष राजीव रंजन, उपाध्यक्ष लालमुनी कुमारी, रामबाबू पासवान, निरंजन कुमार, सूरज कुमार, मनीष कुमार, राज कुमार निराला, पंकज कुमार, रश्मि भारती, शिवशंकर रजनीश, संजीत कुमार रविदास, अजय कुमार, दीपक कुमार, संजीव रंजन, प्रभात कुमार ठाकुर, अभय कुमार झा, अमरनाथ दूबे, रंजीत चौधरी, हंस चौधरी, सोनू कुमार, कुंदन कमल, रवि रंजन ओझा, रामेश्वर भारती, राजेश यादव, कुमार लाल, रितेश कुमार, मणिकांत शर्मा, आशीष चंदन, श्री नारायण आदि प्रमुख रूप से मौजूद थे।