पिता ने की तीन शादियां, पत्नियों से करता था ऐसा बर्ताव, घरेलू हिंसा के बीच अंसार शेख बना देश का सबसे युवा IAS
डेस्क: दुनिया भर में दूसरी सबसे कठिन परीक्षा संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) निर्विवाद रूप से विश्व स्तर पर सबसे चुनौतीपूर्ण परीक्षाओं में से एक है। वर्षों की निरंतर, दृढ़ निश्चय और कड़ी मेहनत के बाद केवल कुछ लोग ही अंतिम साक्षात्कार के दौर को पूरा कर आईएएस बन पाते हैं।
लेकिन कुछ लोग अपनी ढृढ़ लगन से पहली बार में ही सफलता पाकर इतिहास रच देते हैं। उन्हीं में से एक अंसार शेख ने मात्र 21 साल की उम्र में अपने पहले प्रयास में ही 2016 में यूपीएससी की परीक्षा पास कर ली और देश के सबसे कम उम्र के आईएएस अधिकारी बन गए। उनकी कहानी अब परीक्षा की तैयारी करने वाले कई उम्मीदवारों के लिए एक प्रेरणा बन चुकी है।
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घरेलू हिंसा और बाल विवाह के बीच पले-बढ़े
भारत के सबसे युवा आईएएस अधिकारी अंसार महाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्र में पले-बढ़े। एक बेहतर जीवन के लिए उनका संघर्ष बचपन से ही शुरू हो गया था क्योंकि वह एक गरीब परिवार से थे।
उनके पिता, योनस शेख अहमद, महाराष्ट्र के मराठवाड़ा के जालना जिले के सूखा प्रभावित गाँव शेलगाँव में एक ऑटोरिक्शा चालक थे। उन्हें शराब की लत थी और उन्होंने तीन बार शादी की। वह अपनी पत्नियों को अलग-अलग तरीकों से प्रताड़ित भी करते थे। खेत में काम करने वाली अंसार की मां योनस की दूसरी पत्नी थीं।
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अपने अतीत को याद करते हुए, अंसार कहते हैं कि वह घरेलू हिंसा और बाल विवाह को देखकर बड़े हुए हैं। उनकी बहनों की शादी 15 साल की उम्र में हो गई थी, और उनके छोटे भाई ने सातवीं कक्षा में स्कूल छोड़ दिया और परिवार की जरूरतों को पूरा करने के लिए गैरेज में काम करने लगा।
आपकी एकमात्र प्रतिद्वंदी आप हैं : अंसार
उनके छोटे भाई ने ही अंसार को यूपीएससी की तैयारी करने में मदद की। सिविल सेवा की परीक्षा में सफलता पाकर अंसार ने कहा, “यदि आपको लगता है कि आपकी प्रतियोगिता अन्य लाखों उम्मीदवारों के साथ है जो परीक्षा देते हैं, तो आप गलत हैं। आपकी एकमात्र प्रतिद्वंदी आप हैं। इसलिए अपने सभी निराशावादी विचारों से छुटकारा पाएं, और आपको सफलता अवश्य मिलेगी।”
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अंसार ने गरीबी, संसाधनों की कमी और अस्थिर पारिवारिक परिस्थितियों को बहुत करीब से अनुभव किया, फिर भी उन्होंने अपनी दृढ इच्छाशक्ति के साथ अपनी सभी लड़ाइयां लड़ी और सबसे कम उम्र का आईएएस अधिकारी बनकर इतिहास रच डाला। अंसार शेख की कहानी वास्तव में हमारे युवाओं को प्रेरित करती है जो देश के इन गौरवशाली पदों तक पहुँचने की तयारी कर रहे हैं।