BSF का खास ऑपरेशन: 88 लाख मूल्य के सोने के साथ तस्कर को रंगे हाथ दबोचा
डेस्क: तीन अगस्त, मंगलवार को उत्तर 24 परगना जिले के घोजाडांगा सीमा चौकी इलाके में भारत- बांग्लादेश सीमा के पास बीएसएफ के जवानों ने बड़ी सफलता हासिल की। दक्षिण बंगाल फ्रंटियर, सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की 153वीं बटालियन के जवानों कि सतर्कता के कारण 88 लाख रुपये के सोने की तस्करी नाकाम हो सकी। दरअसल, जवानों ने सोने की तस्करी को नाकाम करते हुए 11 सोने के बिस्कुटों के साथ एक तस्कर को गिरफ्तार किया।
बीएसएफ की ओर से जारी किये गये बयान में बताया गया कि जब्त सोने का कुल वजन 1753.37 ग्राम है। भारतीय बाजार में इसकी अनुमानित कीमत 88,61,647 रुपये हैं। सूत्रों की मानें तो अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर स्थित इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट (आइसीपी) घोजाडांगा के क्षेत्र से बांग्लादेश से भारत में सोने की तस्करी की कोशिश की जा रही थी। 153वीं बटालियन के कमांडेंट जवाहर सिंह नेगी ने बताया कि एक खुफिया सूचना मिलने पर योजनाबद्ध तरीके से एक खास ऑपरेशन चलाया गया। इस ऑपरेशन के तहत इस कार्रवाई को अंजाम दिया गया।
योजनाबद्ध तरीके से कार्रवाई को दिया अंजाम
बीएसएफ द्वारा जारी किये गये बयान के मुताबिक, सुबह करीब सात बजे सीमा चौकी घोजाडांगा के कंपनी कमांडर मोहम्मद साहिद को सोने के साथ एक व्यक्ति के आने की खबर मिली। उसी समय जवानों को चौकन्ना कर दिया गया। साथ ही बटालियन कमांडेंट को इस बारे में अवगत कराकर उनके निर्देश पर एक योजना बनाई, जिसमे एक पार्टी को सिविल ड्रेस पहनाकर उत्तरपाड़ा रोड के ऊपर तैनात कर दिया।
संदिग्ध व्यक्ति जब तस्करी के इरादे से अंतरराष्ट्रीय सीमा की ओर आ रहा था तो वह बीएसएफ के जवानों को पहचान नहीं सका। जिससे सतर्क जवानों ने उसे पकड़ लिया। तलाशी में उसके पास से 11 सोने के बिस्कुट मिले। पकड़े गए तस्कर का नाम गोपाल सरकार बाते जा रहा है जिसकी उम्र 46 वर्ष बताई जा रही है। वह गांव उत्तरपाड़ा, थाना–बसीरहाट, जिला- उत्तर 24 परगना का ही रहने वाला है।
बांग्लादेश से भारत में की जा रही थी सोने की तस्करी
पूछताछ में उसने बताया कि वह भारतीय नागरिक है और उसने ये सोने के बिस्कुट फिरोज गाजी, गांव–भोमरा, जिला–सतखीरा, बांग्लादेश से सीमा पर रात के समय में लिया था। उसने आगे बताया कि यह सोना भारतीय तस्कर विश्वनाथ दास, गांव–पानीतार, उत्तर 24 परगना को देना था। उसने यह भी खुलासा किया कि यह सोना कोलकाता ले जाया जाता।गिरफ्तार तस्कर को सोने के बिस्कुटों के साथ अग्रिम कानूनी कार्रवाई हेतु कस्टम कार्यालय घोजाडांगा को सौंप दिया गया है।
बीएसएफ कमांडेंट ने कहा- आगे भी नहीं होने देंगे कोई तस्करी
इधर, इस सफलता पर 153वीं बटालियन के कमांडेंट जवाहर सिंह नेगी ने खुशी व्यक्त करते हुए अपने जवानों की पीठ थपथपाई। उन्होंने बताया कि हमारे सामने बड़ी चुनौतियां और बिल्कुल विपरीत परिस्थितियों के बावजूद 153वीं बटालियन के हर जवान का मोटिवेशन लेवल बहुत ऊंचा है, यही वजह है कि हमें लगातार कामयाबी मिल रही है।
उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि 153वीं बटालियन अपनी जिम्मेदारी के इलाके में किसी भी प्रकार की तस्करी व सीमा अपराधों को रोकने के लिए दृढ़ संकल्पित है और संकल्प जताया कि वे अपने इलाके से आगे भी किसी प्रकार की तस्करी नहीं होने देंगे। बताते चलें कि इस बटालियन के बड़े इलाके में सीमा पर अब तक फेंसिंग भी नहीं लगी है। इसके चलते इसकी सुरक्षा और भी चुनौतीपूर्ण हो जाती है। हालांकि तमाम चुनौतियों के बावजूद कमांडेंट नेगी के नेतृत्व में इस बटालियन के सतर्क जवान दिन- रात कड़ी चौकसी की बदौलत तस्करों व सीमा अपराधियों के मंसूबों पर लगातार पानी फेर रहे हैं।