भाजपा विधायक का विवादित बयान, कहा- कुर्बानी देनी है तो अपने बच्चों की दें
डेस्क: मुस्लिमों के मुख्य त्यौहार बकरीद पर बकरा या अन्य जानवर काटकर कुर्बानी देने रिवाज है. इस बार बकरीद संभवत: 31 जुलाई को मनाई जाएगी. इस बीच बकरीद पर दी जाने वाली जानवारों की कुर्बानी पर लोनी से भाजपा विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने विवादित बयान दिया है.
उन्होंने बकरीद के मौके पर कुर्बानी देने वालों को सीधी चेतावनी देते हुए कहा कि जिसे भी कुर्बानी देनी है वो अपने बच्चों की कुर्बानी दे. मांस खाने से कोरोना फैलता है. ऐसे में लोनी में बकरीद पर कुर्बानी नहीं होने देंगे.
मुस्लिम समाज से कुर्बानी नहीं करने की अपील
आगे उन्होंने कहा कि बकरीद पर मुस्लिम समाज से कुर्बानी नहीं करने की अपील की गई है. जिस प्रकार से लोगों ने कोरोना पर सरकार द्वारा जारी नियमों का पालन किया है, मस्जिद में नमाज और मंदिरों में पूजा नहीं की है. वैसे ही इस बार बकरीद के मौके पर कुर्बानी न दें, क्योंकि इससे कोरोना फैलने का खतरा अधिक है.
उन्होंने कहा कि पहले सनातन धर्म में भी बलि दी जाती थी, लेकिन अब सिर्फ नारियल फोड़ कर चढ़ाया जाता है. वैसे ही मुस्लिम समुदाय के लोग भी कुर्बानी न दें. गाजियाबाद प्रशासन से भी कुर्बानी रोकने की अपील करेंगे और लोनी में एक भी कुर्बानी नहीं देने देंगे.
हालांकि, इससे पहले संभल से समाजवादी पार्टी के सांसद शफीकुर्रहमान बर्क ने बकरीद पर पशु बाजारों को खोलने और सामूहिक नमाज की इजाजत देने की मांग की थी. उन्होंने कहा था कि सामूहिक नमाज से कोरोना फैलेगा नहीं, बल्कि दूर भागेगा.
आलू-साग खाकर त्यौहार मनाने की सलाह
वहीं, भाजपा विधायक संगीत सोम ने शफीकुर्रहमान को आलू-साग खाकर त्यौहार मनाने की सलाह दी थी. उन्होंने कहा था कि अगर वो बात नहीं मानेंगे तो उन्हें भी सपा सांसद आजम खान की तरह जेल में बकरीद मनानी पड़ेगी.
इधर, देश में तेजी से बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए केंद्र व राज्य सरकारें तमाम एहतियात बरतने के साथ ही लोगों को एक साथ सार्वजिनक स्थानों पर एकत्र न होने की अपील कर रही हैं, ताकि इस संक्रमण को किसी भी तरह से नियंत्रित किया जा सके.
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