हाय रे बंगाल : जहां पी’टा, वहीं बरसाया फूल, पर सोशल डिस्टेंसिंग गये भूल
राज्य की मुख्यमंत्री अपने मूर्ख सिपाहियों को लेकर माथा जरूर पीट रही होंगी

अजय कुमार झा : इन दिनों ममता दीदी के बंगाल से रोज कुछ न कुछ अजब गजब की खबरें आ रही हैं. कभी यहां के बांगुर अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में ला’शों के बीच कई दिनों तक मरीज को रखने का वीडियो सामने आता है तो कभी उसी अस्पताल के सामने जायजा लेने गयी केंद्रीय टीम के सामने कोरोना मरीज बेरोकटोक वार्ड से निकल कर सड़कों पर तहलदारी करते पाया जाता है.
फिर उसी अस्पताल से एक मरीज को कोरोना नेगेटिव बता कर घर भेज दिया जाता है, जब वह व्यक्ति की हालत गम्भीर हो जाती है तो अस्पताल बताता है कि हमसे भूल हो गयी उन्हें तो कोरोना है.
फिर उस व्यक्ति की मौत हो जाती है. इसी बीच पता चलता है कि इस राज्य के सबसे बुरी तरह संक्र’मित हावड़ा जिला में एक ऐसा भी इलाका है जहां लोग लॉक डाउन के इतने दिनों बाद भी सोशल डिस्टेंसिंग और लॉकडाउन किस चिड़िया का नाम है, नहीं जानते.
वे आम दिनों की तरह सड़क पर तहलदारी करते हैं, अड्डे मारते हैं और जब पुलिस उनको समझाने जाती है तो ये पुलिस को ही पीट देते हैं. पुलिस को हवा में उड़ कर फिल्मी स्टाइल में पीटने की तस्वीर व वीडियो पूरी दुनिया ने देखा. अब सबसे हास्यास्पद तस्वीर भी हावड़ा के उसी इलाके से आ रही है.
लात मारने’वाली तस्वीर से बिगड़ी ममता सरकार की छवि सुधारने की तरकीब स्थानीय बुद्धिमान तृणमूल नेताओं ने शांति जुलूस निकालकर और पुलिस पर फूल बरसाते तस्वीर खिंचवाकर सुधारने की निकाली, लेकिन जो तस्वीर निकली वो आप भी ऊपर देख सकते हैं.
जिसे देख शायद पार्टी की मुखिया और राज्य की मुख्यमंत्री अपने मूर्ख सिपाहियों को लेकर माथा जरूर पीट रही होंगी. इस पुष्प वर्षा और शांति जुलूस के नाम पर फ़ोटो खिंचवाने की होड़ में न नेताओं को ध्यान रहा सोशल डिस्टेंसिंग और लॉक डाउन. न क्रमबद्ध होकर सम्मानित हो रहे पुलिसवाले ही इसका ध्यान रखे और ये यहां की मासूम जनता, ये तो जानते ही नहीं कि लॉक डाउन, सोशल डिस्टेंसिंग और शायद कोरोना वायरस किस चिड़िया का नाम है.
खैर ये तो है दीदी का बंगाल, यहां तो होता रहेगा कमाल, चाहे कितना भी कोई कोरोना के आंकड़े छुपाने का आरोप लगाये या गरीबों को दिये जाने वाले मुफ्त राशन में धांधली का ही.
-(लेखक AKJ News के संपादक हैं)