अंतरराष्ट्रीय

कोरोना ने दिया भारत को सुनहरा मौका, ऐसे मारना होगा चौका

ये हैं पांच तरीके जिससे भारत बन जायेगा दुनिया का बिजनेस हब

डेस्क: कोरोना वायरस को लेकर वैश्विक त्रासदी ने भारत को सुनहरा मौका दिया है. ऐसे मौके पर अगर भारत चौका मार देता है तो यहां की अर्थव्यवस्था तो सुधरेगी ही. साथ ही दुनिया की भारत पर निर्भरता भी बढ़ जायेगी.

भारत चाहे तो चीन की कमर तोड़ कर अपनी रीढ़ मजबूद कर सकता है. दुनिया भर में सामानों की आपूर्ति के लिए भारत सप्लाई का मुख्य स्थान बन सकता है. हालांकि इसमें कुछ बाधाएं भी हैं.

दरअसल, चीन से फैले कोरोना वायरस के कारण दुनियाभर में चीन के प्रति नाराजगी है. इसके कारण अमेरिका सहित दुनिया के सभी विकसित राष्ट्र चीन से रिश्ता तोड़ कर चीन को दंड देना चाहते हैं. वे अपना कारोबार वहां से हटा रहे हैं.

ऐसे में भारत उनको यहां निवेश के लिए आकर्षक ऑफर देकर बुला सकता है. इससे भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी. साथ ही यहां महामारी के कारण हुई क्षति से लोगों को राहत मिलेगी. भारी संख्या में रोजगार के अवसर प्रदान होंगे

विशेषज्ञों की मानें तो महामारी ने भारत को वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला का पहिया बनने का बड़ा मौका दिया है. हालांकि इसके लिए भारत को अपनी नीतियों और बुनियादी ढांचा में भारी बदलाव करने होंगे.

ये हैं पांच तरीके जिससे भारत बन जायेगा दुनिया का बिजनेस हब.

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दुनिया को दिखाना होगा भारत का बड़ा बाजार:

पहला भारत के पास जनसंख्या काफी अधिक है. यहां उपभोक्ता भी दुनिया के हिसाब से अत्यधिक है. यहां के बड़ा बाजार को देख कर विदेशी कंपनियां यहां कारखाने लगाने को आकर्षित हो सकते हैं.

चीन का बॉयकॉट करने का देना होगा मौका

चीन दुनियाभर में अपना उत्पाद बेचता है. ऐसे में अगर भारत दुनिया को चीनी उत्पादों का विकल्प दे तो दुनिया चीन को सबक सिखाने के लिए भारतीय उत्पादों को हाथों हाथ लेगी. ऐसे में भारत को ऐसी सभी कंपनियों को अपने यहां बुलाना होगा, जो यह विकल्प दे सके. साथ ही भारतीय उद्योगपतियों को भी प्रोत्साहित करना होगा.

भू-अधिग्रहण कानून और श्रमिक कानून में करना होगा सुधार

भारत में विदेशी कंपनियों को आकर्षित करने के लिए भारत को अपना भूमि अधिग्रहण कानून व श्रमिक कानून में परिवर्तन करना होगा. ज्ञात हो कि पिछले कई वर्षो में कई विदेशी कंपनियां चीन को छोड़ कर चली गयीं, लेकिन भारत में सिर्फ तीन कंपनियां ही आयीं. इसके पीछे भारत के कठोर भूमि अधिग्रहण कानून व श्रमिक कानून को माना जा रहा है.

बिजली की कीमत और माल ढुलाई की लागत घटाना होगा

भारत में उद्योगपतियों की सबसे बड़ी शिकायत बिजली की भारी कीमत और परिवहन के पीछे अत्यधिक खर्च की रही है. इस कारण यहां निवेश करने में उद्यमी कतराते हैं. चीन के मुकाबले ये खर्च यहां अधिक है. इसीलिए उत्पादों पर लागत बढ़ जाती है. दोनों ही समस्याओं का निराकरण बहुत जरूरी है.

ट्रांसपोर्ट और टैक्स में भी देनी होगी सुविधा

विशेषज्ञों का मानना है कि अगर भारत को दुनिया का हब बनना है तो परिवहन व्यवस्था और कर प्रणाली में भी सुधार करना होगा. सड़क मार्ग, जल मार्ग, हवाई और रेल मार्ग को विकसित करना होगा. इसके साथ ढांचागत व्यवस्था में भी सुधार करना होगा.

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