YouTube के नए CEO बने नील मोहन, Google भी इनपर कर चुका है 100 मिलियन डॉलर खर्च

डेस्क: YouTube एक निःशुल्क वीडियो शेयरिंग वेबसाइट है जो ऑनलाइन वीडियो देखना आसान बनाती है। आप इस प्लेटफॉर्म पर वीडियो देखने के साथ-साथ अपने खुद के वीडियो भी बनाकर अपलोड कर सकते हैं। मूल रूप से 2005 में बनाया गया, YouTube अब इंटरनेट पर सबसे लोकप्रिय साइटों में से एक है।
लंबे समय तक यूट्यूब के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) सुसान वोज्स्की के गुरुवार (16 फरवरी) को पद छोड़ने के बाद भारतीय मूल के नील मोहन को YouTube का नया CEO बनाया गया। वोजसिकी के गैराज में यूट्यूब की मूल कंपनी गूगल ने सबसे पहले शुरुआत की थी।
सुसान वोज्स्की की विदाई ऐसे समय में हुई है टिकटॉक और इंस्टाग्राम रील्स के रूप में छोटी अवधि के वीडियो से YouTube को भी कड़ी प्रतिस्पर्धा दे रहे हैं। वोजसिकी को संबोधित करते हुए मोहन ने ट्विटर पर कहा, “वर्षों से आपके साथ काम करना अद्भुत रहा है। आपने YouTube को क्रिएटर्स और दर्शकों के लिए एक असाधारण प्लेटफॉर्म बना दिया है। मैं इस मिशन को जारी रखने के लिए उत्साहित हूं।”
कौन हैं नील मोहन?
नील मोहन एक स्टैनफोर्ड स्नातक हैं जो 2008 में Google में शामिल हुए और वर्तमान में YouTube के CEO हैं। इससे पहले उन्होंने माइक्रोसॉफ्ट के साथ भी काम कर चुके हैं। चार साल की बैचलर ऑफ साइंस की डिग्री के बाद उन्होंने स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग का अध्ययन किया। इसके बाद मोहन ने स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के ग्रेजुएट स्कूल ऑफ बिजनेस में MBA के लिए दाखिला लिया।
कई वर्षों तक वे एक इंटरनेट विज्ञापन कंपनी DoubleClick का हिस्सा रहे। 2007 में इस कंपनी के Google द्वारा अधिग्रहण करने के साथ ही वह टेक जायंट का हिस्सा बन गए। बाद में वह Google में प्रदर्शन और वीडियो विज्ञापनों के वरिष्ठ उपाध्यक्ष बने।
गूगल ने नील पर किया 100 मिलियन डॉलर खर्च
2013 की बिजनेस इनसाइडर रिपोर्ट के अनुसार, उन्हें एक बार ट्विटर पर मुख्य उत्पाद अधिकारी के पद की पेशकश की गई थी, लेकिन Google ने उन्हें अपने साथ बनाए रखने के लिए करीब 100 मिलियन डॉलर खर्च किए।
नील मोहन के अलावा कई और भी कंपनियों के CEO हैं जो भारतीय मूल के हैं, जैसे:- माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्या नडेला, एडोब के सीईओ शांतनु नारायण और अल्फाबेट के सीईओ सुंदर पिचाई आदि।
इसके अलावा भी भारतीय मूल के सीईओ कई अन्य प्रतिष्ठित अमेरिकी कंपनियों का नेतृत्व कर रहे हैं, जैसे लक्ष्मण नरसिम्हन, जो स्टारबक्स की बागडोर संभाल रहे हैं। दुनिया की सबसे बड़ी परिवहन सेवा कंपनियों में से एक FedEx के सीईओ भी भारतीय मूल के राज सुब्रमण्यम हैं।