World TB Day: खांसी, बुखार और सीने में दर्द COVID-19 या TB? जानिए बाबा रामदेव ने क्या कहा
डेस्क: टीबी एक संक्रामक रोग है जो ट्यूबरकुलोसिस बैक्टीरिया के कारण होता है। भारत में टीबी कोरोना से ज्यादा खतरनाक साबित हो रही है। जहां पिछले 3 महीने में कोरोना वायरस से करीब 15 हजार मौ’तें हुई थीं, वहीं दूसरी तरफ टीबी ने 3 महीने में करीब 20 हजार लोगों की जान ले ली है।
साल 2019 में भारत में टीबी के 24 लाख मामले सामने आए जिनमें से 89 हजार लोगों की मौ’त हो गई। कोरोना वायरस के कारण टीबी के मरीजों का इलाज काफी प्रभावित हो रहा है। जहां केंद्र सरकार ने 2025 तक टीबी मुक्त भारत का लक्ष्य रखा था लेकिन इन दिनों कोविड-19 के कारण टीबी के मरीजों की उचित देखभाल और इलाज के अभाव में यह संख्या तेजी से बढ़ रही है।
स्वामी रामदेव के अनुसार टीबी फेफड़ों के अलावा रीढ़ की हड्डी, गर्भाशय, किडनी, गले आदि में भी हो सकती है। यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में आसानी से फैलता है। कोरोना और टीबी दोनों ही फेफड़ों पर हमला करते हैं और इसलिए योग गुरु स्वामी रामदेव योग और प्राणायाम के अभ्यास से इन खतरनाक बीमारियों को आसानी से मात देने के टिप्स बता रहे हैं।
टीबी के लक्षण
लंबे समय तक खांसी की समस्या
एक्स-रे पर फेफड़ों में धब्बे।
आंतों के कमजोर होने से भी टीबी हो सकती है।
सांस लेने में परेशानी
शरीर में शक्ति की कमी के कारण थकान।
टीबी से मुक्ति के लिए योगासन
भुजंगासन- इस आसन को 10-50 बार करें। इससे आपका वजन तो कम होगा ही साथ ही आपके फेफड़े भी स्वस्थ रहेंगे। रीढ़ की हड्डी मजबूत रखें। फेफड़े और रीढ़ की हड्डी की टीबी से छुटकारा पाएं।
ताड़ासन- टीबी से छुटकारा दिलाने में कारगर, वजन बढ़ाने में मददगार, पूरे शरीर की कसरत, सभी लोगों के लिए फायदेमंद, डिप्रेशन से राहत, पूरे शरीर की मांसपेशियों में खिंचाव, लंबाई बढ़ाने में सहायक
कोणासन- जांघों और कूल्हों को लचीला बनाता है। इस आसन के लिए सबसे पहले सीधे खड़े हो जाएं और दोनों पैरों के बीच थोड़ा गैप रखें। फिर लंबी सांस लें, गर्दन को झुकाएं और शरीर को दाहिनी ओर झुकाएं। बाएँ हाथ को बगल की ओर ऊपर लाएँ और दाएँ हाथ को दाएँ टखने पर धीरे-धीरे नीचे ले जाएँ। इसके बाद दोनों हाथों की गति और शरीर को संतुलित करें। कुछ देर इस आसन को करने के बाद दूसरी तरफ से भी करें। कमर दर्द हो तो ज्यादा आगे न झुकें, वहीं हर्निया हो तो पीछे की ओर झुकने से बचें।
सूर्य नमस्कार- रोजाना करीब 5 मिनट करें। इसके बाद इसे नियमित रूप से बढ़ाते रहें। इससे आपका शरीर तो फिट रहेगा ही साथ ही यह आपको बीमारियों से भी दूर रखेगा।
दंड बैठक- 10 से 50 बार करें। इससे हड्डियों, फेफड़ों, गर्भाशय आदि की टीबी से निजात मिलती है। इससे पूरा शरीर स्वस्थ रहेगा।
उत्तानपादासन- यह आंतों और गर्भाशय की टीबी से राहत दिलाने में कारगर है। इसके अलावा आपको मोटापे से भी छुटकारा मिलेगा। रीढ़ की हड्डी मजबूत होगी। हृदय, लीवर, फेफड़े आदि को स्वस्थ रहेंगे।
नौकासन- इस आसन को करने से टीबी के साथ-साथ मोटापा, मधुमेह, कोरोना आदि से भी निजात मिलेगी।
मंडूकासन- इस आसन के लिए व्रजासन या पद्मासन में बैठ जाएं। इसके बाद गहरी सांस लें और अपने दोनों हाथों की उंगलियों को मोड़कर मुट्ठी बना लें। अब दोनों हाथों की मुट्ठियों को नाभि के दोनों ओर रखें और सांस छोड़ते हुए आगे की ओर झुकें। कुछ देर इसी मुद्रा में रहने के बाद आराम से सांस छोड़ते हुए फिर से तनावमुक्त हो जाएं। इस आसन को 5-6 बार करें। मधुमेह रोगियों के लिए इस आसन को करना फायदेमंद होता है। यह रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के साथ-साथ पैंक्रियाज में इंसुलिन रिलीज करने में मदद करता है।
उष्ट्रासन- सबसे पहले योगा मैट पर घुटनों के बल बैठ जाएं और अपने हाथों को आराम से अपने हिप्स पर रख लें। इसके बाद पैरों के तलवे छत की ओर रहें। श्वास अंदर लेते हुए रीढ़ की हड्डी के निचले हिस्से को आगे आने के लिए दबाव डालें। अब कमर को पीछे की ओर झुकाएं। धीरे से हथेलियों को पैरों पर रखकर मजबूत पकड़ बनाएं। तनाव बिलकुल न लें। कुछ देर इसी मुद्रा में रहने के बाद आप वापस पुरानी अवस्था में आ सकते हैं। इस योग को करने से पाचन और प्रजनन तंत्र ठीक से काम करता है। कमर दर्द, थायराइड आदि में आराम मिलता है।