उत्तर प्रदेश

Breaking: विश्व हिंदू परिषद ने ही योगी के जनसंख्या नियंत्रण बिल पर उठाए सवाल

 

डेस्क: उत्तर प्रदेश में योगी आत्यनाथ की सरकार ने 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस के अवसर पर जनसंख्या नियंत्रण नीति लागू किया था। इस बिल में कहा गया था कि 2 से अधिक बच्चों वालों को सरकारी नौकरियों और योजनाओं से बाहर रखा जाएगा। जबकि एक संतान वाले अभिभावकों को विशेष प्रकार के लाभ दिए जाएंगे।

योगी सरकार की इस नीति का कईयों ने स्वागत किया तो कईयों ने इस पर सवाल भी उठाए। इसी बीच विश्व हिंदू परिषद ने योगी आदित्यनाथ के जनसंख्या नियंत्रण बिल पर सवाल खड़े किए हैं। परिषद ने बिल के दूसरे पहलू पर सवाल करते हुए सरकार से इस पर पुनर्विचार करने की अपील की है।

विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय कार्यवाहक अध्यक्ष ने उठाये सवाल

विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय कार्यवाहक अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि विश्व हिंदू परिषद सरकार के जनसंख्या नियंत्रण के लिए उठाए गए इस कदम का स्वागत करती है। उन्होंने कहा कि जनसंख्या में बढ़ोतरी पूरे देश में विस्फोट की तरह है। इसे नियंत्रित करने की अति आवश्यकता है। ऐसे में इस तरह का बिल लाकर सरकार ने बिलकुल सही फैसला लिया है।

बढ़ सकता है हिंदू और मुस्लिम की आबादी के अनुपात में असंतुलन?

बिल के दूसरे पहलू, जिसमें 1 बच्चे वाले जोड़ों को लाभ देने की बात कही गई है, पर बात करते हुए आलोक कुमार ने कहा कि इससे नकारात्मकता बढ़ने की संभावना है। जनसंख्या नियंत्रण बिल के इस पहलू से हिंदू और मुस्लिम की आबादी के अनुपात में असंतुलन पैदा होगा।

बिल के पीछे राज्य विधि आयोग के अध्यक्ष जस्टिस आदित्यनाथ मित्तल का हाथ

ऐसा कहते हुए उन्होंने सरकार से इस विषय पर पुनर्विचार करने की अपील की है। बता दें कि योगी सरकार में जनसंख्या नियंत्रण कानून के इस ड्राफ्ट के पीछे राज्य विधि आयोग के अध्यक्ष जस्टिस आदित्यनाथ मित्तल का हाथ है। इससे पहले भी उन्होंने योगी सरकार के लिए लव जिहाद कानून का ड्राफ्ट तैयार किया था।

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