स्थापित हुई अयोध्या राम मंदिर के गर्भगृह की पहली आधारशिला, इतने समय में बनकर हो जाएगी पूरी
डेस्क: अयोध्या में निर्माणाधीन राम मंदिर के गर्भगृह की दहलीज का निर्माण किया जा चूका है। यह काम माघ मास की पूर्णिमा तिथि के दिन पुष्य नक्षत्र के सर्वार्थ सिद्धि योग के मंगल मुहूर्त में किया गया। इस शुभ घड़ी में विधि विधान के साथ मंदिर के गर्भगृह की पहली आधारशिला रखी गई।
गर्भगृह की पहली आधारशिला को स्थापित करने से पहले पूरे वैदिक विधि विधान से पूजन किया गया जिसमे अयोध्या के जिलाधिकारी नीतीश कुमार ने अपनी पत्नी के साथ मुख्य यजमान की भूमिका निभाई। पहले आधारशिला की स्थापना के साथ ही गर्भगृह का निर्माण भी जोर-शोर से होने लगा।
अयोध्या के श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के अनुसार अगले साल मकर संक्रांति तक राम मंदिर में रामलला और जगत जननी माता जानकी के विग्रहों को स्थापित किया जायेगा। यही कारण है कि मंदिर निर्माण के कार्य ने तेजी पकड़ ली है। बता दें कि नेपाल से लाए गए शालिग्राम शिलाओं से मूर्ति तराशने का काम भी शुरू हो चुका है।
नेपाल के दामोदर क्षेत्र में काली गंडकी नदी से निकाल कर लाई गईं दो बड़ी शगालिग्राम शिलाओं से निर्मित राम-जानकी प्रतिमाओं को मंदिर में स्थापित किया जाएगा। जानकारों के अनुसार विग्रह निर्माण के लिए शालिग्राम शिलाएं इसलिए भी लाई गई हैं क्योंकि शास्त्रों में शालिग्राम श्री विष्णु के साक्षात स्वरूप माने गए हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जहां भी यह शिला रखी जाती है वहां देवी लक्ष्मी का भी वास होता है।
राम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास के अनुसार शालिग्राम शिला सनातन धर्म में पवित्र मानी जाती है। ऐसा माना जाता है कि इसमें भगवान विष्णु का वास होता है। यह शिलायें नेपाल के दामोदर क्षेत्र के गण्डक नदी में मिलती हैं। देश के लगभग हर मंदिर और मठ में शालिग्राम शिला का उपयोग मूर्तियों को तराशने के लिए किया जाता है।