भगवान राम को ‘आदिपुरुष’ नाम किसने दिया? जानिए पूरी कहानी
डेस्क: साउथ के सुपरस्टार प्रभात की आने वाली फिल्म ‘आदिपुरुष’ के ट्रेलर लॉन्च के बाद से ही ‘आदिपुरुष’ शब्द चर्चा का विषय बन गया है। लोगों में यह जानने की प्रबल इच्छा जगी है कि भगवान राम के साथ ‘आदिपुरुष शब्द’ कैसे जुड़ गया। अगर आपको भी जानना है यह लेख अंत तक पढ़ें।
दरअसल, सबसे पहले भगवान विष्णु पुरुष कहा गया था। इसके पीछे भगवान विष्णु के प्राकट्य से संबंधित एक रोचक कथा है। सृष्टि की रचना के बाद जब भगवान विष्णु प्रकट हुए, तब उन्हें सृष्टि में चारों तरफ केवल जल ही जल नजर आ रहा था। उन्हें इस संसार के बारे में कुछ भी नहीं पता था साथ ही वह खुद के बारे में भी नहीं जानते थे।
तब एक आकाशवाणी हुई “अपने बारे में जानने के लिए तपस्या करो।” ऐसी आकाशवाणी सुनने के बाद भगवान विष्णु जल के ऊपर ही तपस्या करने लगे। जल अर्थात नीर के ऊपर तपस्या करने के कारण वह नारायण कहलाए। जब भगवान विष्णु तपस्या में लीन थे, तब उनकी नाभि से एक कमल का फूल खिला जिसमें ब्रह्मा जी प्रकट हुए। उन्होंने ही भगवान विष्णु को आदिपुरुष की महिमा बताई।
ब्रह्मा जी ने भगवान विष्णु को बताया ‘आदिपुरुष’
ब्रह्मा जी ने भगवान विष्णु को बताया की वे ही आदिपुरुष हैं क्योंकि उनसे पहले किसी और पुरुष का प्राकट्य नहीं हुआ था। इससे हमें पता चलता है कि इस सृष्टि में प्रथम पुरुष के रूप में सबसे पहले भगवान विष्णु का आगमन हुआ इस वजह से भगवान विष्णु को पुराणों में आदिपुरुष कहा गया है।
भगवान राम के आदिपुरुष कहे जाने का कारण
लेकिन भगवान राम को आदिपुरुष कहे जाने के पीछे भी एक कहानी है। दरअसल, भगवान राम विष्णु के दसवें अवतार हैं। उनसे पहले भगवान विष्णु के जितने भी अवतार हुए उन्होंने सृष्टि को स्थापित और व्यवस्थित करने का काम किया। जबकि भगवान विष्णु के दसवें अवतार भगवान राम ने मनुष्य के लिए आदर्श की आधारशिला रखी और मर्यादा का पाठ पढ़ाया। यही कारण है कि वर्तमान समाज में भगवान राम को ‘आदिपुरुष’ की संज्ञा दी गई।