जानिए कौन है गूगल से 60 लाख रुपए का पैकेज पाने वाली शालिनी झा?
डेस्क: दुनिया की सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनी गूगल के सीईओ वर्तमान में एक भारतीय ही हैं। इसके अलावा भी कई बड़ी कंपनियों में कोई न कोई भारतीय ही बड़े पद पर कार्यरत है। अब गूगल ने बिहार के भागलपुर जिले के सुल्तानगंज की रहने वाली शालिनी झा को सॉफ्टवेयर इंजीनियर के पद पर नियुक्त किया है। बता दें कि शालिनी की उम्र अभी महज 21 वर्ष है।
अपनी प्रतिभा से गूगल में पाई नौकरी
शालिनी झा अपने माता-पिता का नाम रोशन करते हुए गूगल में नियुक्त हो गई है। बता दें कि वर्तमान में शालिनी दिल्ली स्थित इंदिरा गांधी दिल्ली टेक्निकल यूनिवर्सिटी फॉर वूमेन से इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रही है। यह उनका अंतिम वर्ष है और ग्रेजुएशन कंप्लीट होने से पहले ही उन्होंने अपने प्रतिभा और कड़ी मेहनत के बल पर गूगल में अपना स्थान बना लिया है।
गूगल देगी 60 लाख का पैकेज
मात्र 21 वर्ष की उम्र में इतनी बड़ी उपलब्धि हासिल शालिनी ने ना केवल अपने परिवार का बल्कि पूरे भागलपुर जिले का नाम भी रोशन कर दिया है। बता दें कि गूगल ने उन्हें साल के 60 लाख रुपए के पैकेज के साथ सॉफ्टवेयर इंजीनियर के पद पर नियुक्त किया है। ऐसा करके शालिनी देश की सभी लड़कियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनी है जो आत्मनिर्भर बनकर अपने परिवार व देश के लिए कुछ करना चाहती है।
परिवार में सभी हैं बड़े पदों पर कार्यरत
शालिनी के दादाजी स्व. प्रो. उमेश्वर झा मुरारका यूनिवर्सिटी के रसायन विभाग के अध्यक्ष थे। उनके पिता गैलवेन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड में प्रबंधक के पद पर कार्यरत हैं। वर्तमान में शालिनी का परिवार बिहार के भागलपुर जिले के सुल्तानगंज में रहता है। लेकिन मूलतः उनका परिवार सहरसा का निवासी है। शालिनी के नाना भी झारखंड बिजली विभाग के जीएम थे।
काम के साथ जारी रखेंगी पढ़ाई
शालिनी ने अपनी 10वीं व 12वीं की पढ़ाई भी दिल्ली में रहकर ही पूरी की थी। उनकी दसवीं की पढ़ाई कैनेडी पब्लिक स्कूल से हुई जबकि 12वीं की पढ़ाई उन्होंने मॉडर्न इंटरनेशनल स्कूल से की। अभी शालिनी का फाइनल ईयर पूरा नहीं हुआ है। इस वजह से गूगल में काम करते हुए वह अपनी पढ़ाई भी जारी रखेंगी। फिलहाल वह दिल्ली से भागलपुर आएंगी। इसके बाद वह गूगल को सॉफ्टवेयर इंजीनियर के तौर पर ज्वाइन करेंगी।
पिता ने किया प्रेरित
शालिनी ने अपनी सफलता का श्रेय अपने पिता को दिया है। उनके अनुसार पिता ने ही पढ़ाई के प्रति समर्पित होकर शिक्षा के बल पर अपने परिवार का नाम रोशन करने के लिए प्रेरित किया है। शालिनी के पिता कामेश्वर झा का कहना है कि “पढ़ाई एक तपस्या है जिसने यह तपस्या पूरे निष्ठा एवं एकाग्रता से कर ली व जीवन के बाकी सभी पायदान में सुखी व संतुष्ट हो जाता है।”