गोरक्षनाथ मंदिर की टूटी परंपरा, होली की पूजा में नहीं हुए शामिल योगी
कोरोना वायरस के चलते इस बार सीएम योगी ने होली मिलन के किसी भी कार्यक्रम में शामिल नहीं होने का ऐलान किया
डेस्क: होली (Holi) के मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) अपने गृह जनपद गोरखपुर (Gorakhpur) में मौजूद हैं। वे गोरक्षनाथ मंदिर (Gorakshnath Temple) से ही सूबे की कमान संभाल रहे हैं। हालांकि इस बार कोरोना वायरस की दहशत से दशकों पुरानी एक परम्परा टूट गयी। सोमवार शाम को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने होलिका दहन की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि होलिका पर्व पर पवित्र अग्नि में सभी बुराइयों को भस्म करें। बुराई पर अच्छाई की जीत के इस पर्व पर हम संकल्प लें कि जातिवाद, परिवारवाद और भ्रष्टाचार का दहन कर देश को प्रगति पथ पर ले चलेंगे।
कोरोना वायरस (Corona Virus) की वजह से टूटी परम्परा
कोरोना वायरस के चलते इस बार सीएम योगी ने होली मिलन के किसी भी कार्यक्रम में शामिल नहीं होने का ऐलान किया है और इस कारण दशकों से चली आ रही एक परम्परा भी टूट गयी। गोरखपुर के पाण्डेय हाता से होलिका दहन का जुलूस निकलता है, घंटाघर होते हुए करीब पांच किलोमीटर की यात्रा होती है। दशकों से गोरक्षपीठाधीश्वर इस जुलूस में शामिल होते थे। योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बन जाने के बाद भी वो इस शोभा यात्रा में शामिल होकर पूजा करके वापस चले जाते थे। लेकिन इस बार वो पूजा करने भी नहीं आये। इतना ही नहीं जुलूस निकलते वक्त जो आम लोगों की भीड़ होती थी इस बार वो नदारद दिखी।
गोरखनाथ मंदिर से संभाल रहे कमान
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पूरे दिन गोरक्षनाथ मंदिर में ही मौजूद रहे और यहीं से प्रदेश की कमान को संभाले रखा। सीएम योगी ने सुबह के वक्त पूजा पाठ करने के बाद गौशाला में एक घंटे तक गायों के बीच रहे उसके बाद अपने पूजा कक्ष शक्ति मंदिर में सीएम योगी ने रुद्राभिषेक किया। लोक कल्याण के लिए हुए इस रुद्राभिषेक के बाद सीएम योगी ने कुछ स्थानीय लोगों से भी मुलाकात की। साथ ही नव नियुक्त मनोनीत पार्षदों से मुलाकात कर महानगर के विकास की रूपरेखा तैयार की। इस तरह से पूरे दिन मुख्यमंत्री योगी गोरक्षनाथ मंदिर से प्रदेश की कमान संभाले रखा।