अरुण गोविल के ‘रामायण’ से कितना अलग है प्रभास का ‘आदिपुरुष’?
डेस्क: जब ओम राउत ने रामायण पर बेस्ट फिल्म ‘आदिपुरुष’ को अनाउंस किया था तो भारतीय सिनेमा को पसंद करने वाले सभी दर्शक काफी एक्साइटेड थे। लेकिन ‘आदिपुरुष’ के पहले टीचर के लांच होने के बाद ही उनका एक्साइटमेंट पानी में मिल गया। इसका वजह था डायरेक्टर का क्रिएटिव फ्रीडम।
दरअसल इस फिल्म में जिस प्रकार डायरेक्टर ने भगवान राम, रावण, हनुमान और वानर सेना को दर्शाया था, वह लोगों को बिल्कुल भी पसंद नहीं आ रही थी। यहां तक कि रावण के किरदार को औरंगजेब जैसा बताया जा रहा था। लेकिन धीरे-धीरे सीजीआई और वीएफएक्स में फेरबदल कर जब फिर एक बार के ट्रेलर को लांच किया गया तो लोगों को कुछ हद तक यह पसंद आई।
रामायण से आदिपुरुष की तुलना
अब जल्द ही सिनेमाघरों में प्रभास की फिल्म आदिपुरुष लांच होने वाली है। ऐसे में लोग आदिपुरुष की तुलना रामानंद सागर के ‘रामायण’ सीरियल से और प्रभास की तुलना अरुण गोविल से कर रहे हैं। ज्ञात हो कि रामानंद सागर के रामायण राम और सीता का किरदार निभाने वाले अरुण गोविल और दीपिका चिखलिया को लोग आज भी भगवान की तरफ पूजते हैं।
आज भी एयरपोर्ट पर अरुण गोविल को देखते ही लोग उनके चरण छूने लगते हैं वही बात करें आदिपुरुष की तो इसका शुरुआत ही काफी गलत हुआ था। कईयों ने तो आदि पुरुष को रामायण का इस्लामीकरण भी बता दिया था। समाज के एक वर्ग तो इसके बॉयकॉट पर उतारू हो गया है।
एक तरफ जहां रामानंद सागर ने रामायण सीरियल में कैमरा एंगल्स के मदद से अच्छे-अच्छे दृश्य दिखाए थे। वहीं आदिपुरुष में अब नई टेक्नोलॉजी की मदद से वीएफएक्स और सीजीआई का प्रयोग किया जा रहा है। फिर भी दर्शक रामायण को आदिपुरुष से कई गुना बेहतर बता रहे हैं क्योंकि आदिपुरुष में वीएफएक्स के चक्कर में तथ्यों को ही गलत कर दिया गया है। ऐसे में देखना है की रिलीज के बाद आदि पुरुष दर्शकों के बीच वह कमाल दिखा पाती है या नहीं जिसकी उम्मीद फिल्म के निर्देशक कर रहे हैं।