उत्तर प्रदेश के मजदूर के बेटे का अग्निवीरों को खास उपहार, मुसीबत में बचाएगी जान
डेस्क: उत्तर प्रदेश के मेरठ में एक मजदूर के बेटे और इंजीनियरिंग के छात्र ने सेना के जवानों के लिए स्मार्ट जूता बनाने का दावा किया है। उनका कहना है कि भूस्खलन के दौरान अगर कोई जवान बर्फ या मलबे में दब जाता है तो यह जूता कंट्रोल रूम को सिग्नल भेजेगा और उस जवान का पता लगाने में मदद करेगा।
उनके अनुसार यह जूता बिना किसी इंटरनेट नेटवर्क के काम करेगा। छात्र को यह विचार मणिपुर में हुए भूस्खलन दुर्घटना से मिला, जिसके बाद उसने लगभग एक सप्ताह के भीतर सेना के जवानों के लिए यह स्मार्ट जूता तैयार किया।
जवानों का पता लगाने में मिलेगी मदद
एमआईईटी इंजीनियरिंग कॉलेज के अटल कम्युनिटी इनोवेशन सेंटर में बी.टेक प्रथम वर्ष के इलेक्ट्रिकल छात्र सुमित कुमार ने सेना के जवानों के लिए एक स्मार्ट जूता डिजाइन करने की वजह के बारे में बताते हुए कहा कि कईबार सेना के जवान भूस्खलन या हिमस्खलन के कारण हादसों की चपेट में आ जाते हैं तो यह जूता उनका पता लगाने में मदद करेगा।
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सुमित का कहना है कि यह स्मार्ट जूता दो हिस्सों में बना है। एक ट्रांसमीटर सेंसर जूते के सोल में और दूसरा रिसीवर अलर्ट सिस्टम लगाया जाएगा जो सेना के कंट्रोल रूम में होगा। इसे जूते को ट्रांसमीटर सेंसर से जोड़ा जाएगा। वर्त्तमान इस जूते की रेंज हवा में 100 मीटर और जमीन के अंदर करीब 3 फीट है। सुमित फ़िलहाल अभी जूते की रेंज को बढ़ाने का काम कर रहे हैं।
इस प्रकार स्मार्ट जूता करेगा काम
भूस्खलन या हिमस्खलन की स्थिति में, जूते पर दबाव पड़ने के कारण इसमें लगा सेंसर सक्रिय हो जाएगा। जूते के सेंसर से सिग्नल निकलते ही कंट्रोल रूम में अलार्म बज जाएगा और इस तरह बचाव दल को जवान की लोकेशन का पता चल जाएगा। एक और छोटे रिसीवर को मौके पर ले जाने पर मलवे में दबे जवान के पास पहुँचते ही अलार्म बजने लगेगा जिससे जवान को मलबे से निकालने की प्रक्रिया तेज हो सकेगी।
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इतनी होगी कीमत
अग्निवीरों एवं सेना के जवानों के लिए स्मार्ट जूता बनाने वाला सुमित मेरठ के खिरव जलालपुर सरधना का रहने वाला है और उसके पिता पेशे से एक मजदूर हैं। सुमित का कहना है कि इस जूते की कीमत करीब 15 से 16 हजार रुपये होगी।
उनका कहना है कि अगर इस पर काम किया जाए तो इसकी कीमत को और कम किया जा सकता है साथ ही इसके सिग्नल की रेंज भी बढ़ाई जा सकती है। स्मार्ट जूते को बनाने में उन्होंने रेडियो ट्रांसमीटर रिसीवर, चार्जेबल बैटरी, हैंड रोटेट चार्जिंग, अलार्म और प्रेशर सेंसर का इस्तेमाल किया गया है।