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गांव की गवार लड़की समझ रहे थे लोग लेकिन निकली IAS ऑफिसर

 

डेस्क: अक्सर लोग दूसरों को उनके पहनावे के आधार पर आंकते हैं। परंपरागत वेशभूषा रखने वालों को आजकल गवार समझा जाता है। लेकिन किसी के कपड़ों से उसके बारे में राय बनाना बिल्कुल गलत बात है। इन दिनों इंटरनेट पर एक महिला की तस्वीर काफी वायरल हो रही है। तस्वीर में एक महिला परंपरागत कपड़े पहन कर गोद में एक बच्चे को लेकर बैठी हुई दिख रही है।

पहले लोगों ने इस महिला को गांव की कोई गवार लड़की समझा लेकिन जब इस महिला की सच्चाई लोगों को पता चली तो उनके होश उड़ गए। यह महिला गांव की कोई गवार लड़की नहीं बल्कि आईएएस ऑफिसर मोनिका यादव थी। मोनिका राजस्थान के सीकर जिले के लसाडिया गांव की रहने वाली है। वह 2014 बैच की आईएएस ऑफिसर है।

वायरल हो रही तस्वीर से मिलती है सीख

पहली बार इनकी तस्वीर को देखने पर वह कोई गांव की साधारण महिला प्रतीत होती है लेकिन वास्तव में वह एक महिला आईएएस ऑफिसर है। उनके इस वायरल हो रहे तस्वीर से लोगों को यह संदेश मिलता है कि चाहे कितने भी बड़े पोस्ट पर चले जाओ अपनी परंपरा और संस्कृति को कभी नहीं भूलना चाहिए।

गांव में ही पली-बढ़ी मोनिका

आईएएस अधिकारी मोनिका यादव का जन्म गांव में ही हुआ था। इनका पालन-पोषण भी बिल्कुल ग्रामीण परिवेश में ही हुआ। बचपन से संस्कृति व परंपराओं के बीच पली-बढ़ी मोनिका अपने पिता के ही तरह बड़े होकर सिविल सर्विस में जाना चाहती थी। बता दें कि उनके पिता हरफूल सिंह यादव एक सीनियर आईआरएस हैं। अपने पिता से प्रेरित होकर वह भी सिविल सर्विस के परीक्षा की तैयारी करने लगी।

Monika-yadav

पहले प्रयास में बनी आईएएस

अपने लगन व कड़ी मेहनत से मोनिका यादव ने पहली बार में ही सफलता पा लिया। यूपीएससी की परीक्षा में वह 403 रैंक पाकर सफल हुई। वर्तमान में वह डीएसपी के पद पर कार्यरत हैं। वह ईमानदारी से काम करने और लोगों की समस्याओं को सुनने के लिए जानी जाती है। उनकी शादी भी एसडीएम के पद पर कार्यरत एक आईएएस ऑफिसर सुशील यादव से हुई है।

हाल ही में बेटी को दिया जन्म

इंटरनेट पर वायरल हो रही तस्वीर में उनके गोद में जो नवजात शिशु दिख रहा है वह उनकी ही बेटी है जिसे उन्होंने हाल ही में जन्म दिया था। आईएएस मोनिका यादव बेटी की सभी जिम्मेदारियों के साथ-साथ अपने कामकाज को भी अच्छे तरीके से संभाल रही हैं। आईएस पद पर होते हुए भी उनकी सादगी लोगों का दिल जीत रही है।मुकेश तस्वीर से लोगों को संदेश मिल रहा है कि कभी भी अपने संस्कृति और परंपराओं को छोड़ना नहीं चाहिए।

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