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अब हवा से बनेगा साफ पेयजल, नहीं होगी पीने के पानी की कमी

 

डेस्क: पानी ज़िन्दगी की मूलभूत ज़रूरतों में से एक है, और उसके बिना दुनिया में किसी का भी काम नहीं चल सकता है. एक तथ्य यह भी है कि दुनियाभर में 70 फीसदी पानी होने के बावजूद पेयजल, यानी पीने लायक पानी कि किल्लत का सामना बहुत-से स्थानों पर करना पड़ रहा है. UNICEF की एक रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया में हर तीसरे व्यक्ति को पीने का साफ पानी उपलब्ध नहीं है.

भारत में भी कई नदियां सूख रही हैं और भूजल स्तर लगातार नीचे गिरता जा रहा है और माना जाता है कि वर्ष 2050 तक पानी का संकट बेहद खराब रूप ले सकता है. पानी की कमी से जूझता ऐसा ही एक मुल्क है इस्राइल, जो लगातार ऐसी ईजाद में जुटा रहता है, जिससे ज़्यादा से ज़्यादा पानी जुटाया जा सके.

इस्राइल की एक कंपनी वॉटरज़ेन (WATERZEN) ने एक ऐसी मशीन ईजाद कर दी है, जो हवा से ही साफ पानी बना लेती है. यही नहीं, इस्राइली कंपनी ने इस मशीन को कार में भी कामयाबी से फिट कर लिया है, जिससे यह क्रांतिकारी तकनीक ज़्यादा कारगर हो गई है.

वॉटरज़ेन का कहना है, कार किसी भी ब्रांड की हो सकती है, लेकिन यह मशीन लग जाने के बाद वह सामान्य कार नहीं रह जाएगी, क्योंकि इसके बाद कार किसी को भी शुद्ध साफ पानी पिला सकेगी. वॉटरज़ेन के इस्राइल की राजधानी तेल अवीव स्थित मुख्यालय का दौरा कर हमारे संवाददाता उमाशंकर सिंह ने इस मशीन के बारे में न सिर्फ जानकारी हासिल की, बल्कि कार में लगी मशीन के ज़रिये हवा की नमी को सोखकर बनाया गया पानी पीकर भी देखा.

पानी बनाने वाली इस मशीन को वॉटरज़ेन कंपनी ने कार के बूट एरिया, यानी डिक्की में फिट किया है, और पानी उपलब्ध कराने के लिए नल कार में गियरबॉक्स के नज़दीक लगा है, ताकि कार की सवारियों को पानी आसानी से मिल सके.

अब वॉटरज़ेन कंपनी दुनिया के कई कार निर्माताओं से बात कर रही है, ताकि इस मशीन को हर तरह मॉडलों में फिट किया जा सके. दरअसल, वॉटरज़ेन पिछले कई सालों से हवा की नमी को सोखकर पानी बनाने की तकनीक विकसित करने पर काम करती आ रही थी, और इस मशीन से पहले इस तरह के वॉटर जेनरेटर बना चुकी है, जो घरों और दफ्तरों में लगाए जा रहे हैं.

उमाशंकर सिंह ने एक दफ्तर में लगी मशीन का भी मुआयना किया, जो दिखने में आम वॉटर डिस्पेन्सर मशीन जैसा ही दिखती है. बस, फर्क सिर्फ इतना है कि दफ्तरों में आमतौर पर लगी मशीनों में पानी की बड़ी बोतल को मशीन पर टिकाना होता है, लेकिन इस मशीन में पानी की कोई बोतल नहीं लगानी पड़ती, क्योंकि यह आसपास की हवा से नमी को सोखकर पानी बना लेती है.

वॉटरज़ेन कंपनी द्वारा घरेलू इस्तेमाल के लिए बनाई गई मशीन 24 घंटे में 30 लीटर पानी बना सकती है. वॉटरज़ेन का कहना है कि इस मशीन के सुचारु ढंग से काम करने के लिए हवा में मात्र 20 फीसदी नमी होना पर्याप्त होता है. इस मशीन के ज़रिये हवा में से नमी को सोखकर बनाए गए पानी में खनिज, यानी मिनरल, भी मिलाए जाते हैं, ताकि पानी शुद्ध होने के साथ-साथ पौष्टिक भी रहे.

अच्छी ख़बर यह भी है कि इस्राइल की वॉटरज़ेन कंपनी द्वारा बनाई जा रही इस मशीन के लिए उनके साथ मिलकर काम कर रही भारतीय कंपनी एस.एम.वी. जयपुरिया ग्रुप के मुताबिक, भारत में भी इसकी मांग काफी बढ़ रही है, जो उत्साहजनक है. वॉटरज़ेन के CEO मायन मुल्ला ने कहा, “घरों और दफ़्तरों में इस्तेमाल की जाने वाली दोनों मशीनों के लिए हमें भारत में बहुत अच्छा रेस्पॉन्स मिल रहा है.”

इन मशीनों के अलावा, वॉटरज़ेन ने ऐसे बड़े-बड़े वॉटर जेनरेटर भी तैयार किए हैं, जो समूचे दफ्तर या दफ्तरों और घरों के समूहों को भी पानी की निर्बाध सप्लाई देते रह सकें. ऐसा ही एक वॉटर जेनरेटर वॉटरज़ेन कंपनी मुख्यालय की छत पर लगा हुआ है. कार, घर और दफ्तर के भीतर लगाए जाने वाले वॉटर जेनरेटर कम क्षमता के होते हैं, लेकिन छत कर रखे जाने वाले ऐसे जेनरेटर भी हैं, जो कई फ्लैटों या पूरे बड़े-बड़े दफ्तरों की पानी की ज़रूरत को पूरा कर सकते हैं. वॉटरज़ेन कंपनी मुख्यालय की छत पर लगा वॉटर जेनरेटर 24 घंटे में 800 से 900 लीटर तक पानी पैदा करता है, और उसे नीचे दफ्तर में भेजता है.

वॉटरज़ेन के वरिष्ठ अधिकारी मिकी शोहम ने बताया, एक और बड़ा जेनरेटर है, जो 24 घंटे में 6,000 लीटर तक पानी पैदा करता है, और इसका इस्तेमाल सामुदायिक स्तर पर किया जा सकता है. यानी यह जेनरेटर एक साथ कई घरों और दफ्तरों की पानी की ज़रूरत को पूरा कर सकता है. उनके मुताबिक, इस तरह से बनाए जाने वाले पानी की कीमत लगभग 50-60 पैसे प्रति लीटर तक हो सकती है.

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