जानिए कैसे एक 8वीं पास व्यक्ति ने दिया सैकड़ों लोगों को रोजगार, अब कमा रहा करोड़ों रुपए
डेस्क: इस संसार में कई ऐसे लोग हैं जिन्हें किसी निजी कारण से अपनी पढ़ाई लिखाई बीच में ही छोड़नी पड़ती है। इस वजह से वाह आगे नहीं बढ़ पाते। लेकिन कुछ लोग हार नहीं मानते और जमाने से कुछ अलग कर इतिहास रच देते हैं। ऐसा ही कमाल तमिलनाडु के मदुरई के मेला कल गांव के रहने वाले इंसान मुरुगेशन ने कर दिखाया है।
मुरुगेशन का जन्म तमिलनाडु के एक गरीब किसान परिवार में हुआ था। उनके पिता यह चाहते थे कि उनका बेटा पढ़ लिख कर बड़ा आदमी बने लेकिन निजी व आर्थिक कारणों से उन्हें अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़नी पड़ी। परिवार की जिम्मेदारी उठाने के लिए कम उम्र में ही उन्हें खेतों में अपने पिता के साथ काम करना पड़ा। फिर भी उनकी आर्थिक तंगी दूर नहीं हुई।
केले के कचरे का किया प्रयोग
खेत में काम करते हुए उन्होंने कई प्रयोग किए लेकिन उन्हें सफलता ना मिलने पर भी उन्होंने हार नहीं मानी। अंततः उन्होंने केले के पौधे से निकलने वाले कचरे का उपयोग करना शुरू किया। वह केले के धागे का प्रयोग माला के फूलों को एक साथ पिरोने के लिए करने लगे। लेकिन इससे भी उन्हें संतुष्टि नहीं मिली। वह केले के पौधे से निकलने वाले कचरे का प्रयोग कुछ और बनाने के लिए करना चाहते थे।
बनाई अपनी अलग मशीन
नारियल की रस्सी बनाने वाली मशीन में उन्होंने केले से निकलने वाला कचरा डालकर केले की रस्सी बनाने का प्रयास किया। लेकिन इस प्रयास में सफलता नहीं मिली अंत में 2017 में मुरुगेशन ने साइकिल के पहिए और अन्य उपकरणों के प्रयोग से खुद का एक मशीन विकसित किया जिस के उपयोग से वह केले की रस्सी बनाने लगे। डेढ़ लाख रुपए के निवेश से उन्होंने इस मशीन को और बेहतर बनाया और उसे अपने नाम पर पेटेंट करा लिया।
सैकड़ों लोगों को दिया रोजगार
इस मशीन के साथ ही उन्होंने एमएस रोप्स प्रोडक्शन सेंटर की स्थापना की जहां वह केले के कचरे की सहायता से रस्सियों का निर्माण करते हैं। केले की रस्सी का प्रयोग कर वह अलग अलग तरह की चीजों का निर्माण करते हैं। उन्होंने केवल केले के कचरे का उपयोग कर ही सैकड़ों लोगों को रोजगार भी दिया है। आज उनके साथ 300 से भी अधिक लोग काम करते हैं इनमें अधिकांश महिलाएं हैं। बात करें उनके आय की तो उनका सालाना टर्नओवर 1.5 करोड़ रुपए से भी अधिक है।
बनाई अपनी अलग पहचान
कुछ अलग करने के अपने प्रयास से मुरुगेशन ने ना केवल सैकड़ों लोगों को रोजगार दिया बल्कि आज वह अपना अलग पहचान बनाने में सफल हुए हैं। आज अपनी काबिलियत के दम पर आठवीं पास व्यक्ति करोड़ों की संपत्ति का मालिक बन चुका है। केले के कचरे से रस्सी बनाने वाले वह एकमात्र भारतीय हैं।