स्टाम्प पेपर स्कैम: एक फल बेचने वाले ने किया 20,000 करोड़ का स्कैम, हर्षद मेहता के स्कैम से भी बड़ा स्कैम
डेस्क: आपने हर्षद मेहता के स्कैम के बारे में तो सुना ही होगा। जब हर्षद मेहता के स्कैम के पकड़े जाने के बाद एक और नए स्कैम की शुरुआत हुई थी जिसे ‘स्टाम्प पेपर स्कैम’ के नाम से जाना जाता है। इस स्कैम को अंजाम देने वाले अब्दुल करीम तेलगी उर्फ़ करीम लाला कभी कर्नाटक के खानापुर स्टेशन पर फल बेचा करते थे। उनके साथ उनकी माँ और दो अन्य भाई भी स्टेशन पर रुकने वाली ट्रेनों में यात्रियों को फल बेचते थे। शायद ही किसी को पता था कि यह फल बेचने वाला एकदिन भारत के सबसे बड़े घोटालों में से एक का मास्टरमाइंड बन जाएगा।
जल्दी अमीर बनने के लिया किया स्कैम
तेलगी जल्दी अमीर बनने के अपने सपनों को साकार करने के लिए सऊदी अरब चले गए, लेकिन जल्द ही मुंबई लौट आए, जहां उन्होंने खुद को एक ट्रैवल एजेंट के रूप में स्थापित किया, जो श्रमिकों को सऊदी अरब भेजता था। जल्द ही वह काम की तलाश कर रहे मजदूरों के लिए नकली पासपोर्ट और वीजा बनाने लगे। लेकिन 1991 में वह पकड़े गए। मुंबई पुलिस ने जालसाजी और धोखाधड़ी के आरोप में करीम लाला को गिरफ्तार कर लिया।
जेल में मिला स्टाम्प पेपर स्कैम का आईडिया
जेल में, तेलगी को पता चला कि हर्षद मेहता के स्कैम के बाद देश में स्टांप पेपर की काफी कमी हो गयी है। अपनी सजा काटने के बाद, तेलगी बाहर आए और 1994 में व्यवसाय के लिए लाइसेंस प्राप्त किया। इसके बाद, उन्होंने स्टांप पेपर छापने के लिए नासिक सुरक्षा प्रेस द्वारा बंद की गई मशीनरी को सस्ती कीमतों में खरीद लिया।
सरकारी नीलामी से खरीदी मशीनें
अगले 7-8 वर्षों में, तेलगी ने सरकारी नीलामी में खरीदी गई प्रिंट मशीनरी का उपयोग करके नकली स्टांप पेपर प्रिंट करना शुरू कर दिया। इन नकली स्टाम्प पेपरों के साथ अन्य संबंधित सामग्री जैसे न्यायिक अदालत शुल्क टिकट, नोटरी टिकट और यहां तक कि शेयर हस्तांतरण प्रमाण पत्र भी बनाकर अलग-अलग संस्थाओं को भारी छूट पर बेचने लगा। तेलगी के ग्राहकों में आम लोग नहीं थे बल्कि बैंक, बीमा कंपनियां और ब्रोकरेज फर्म शामिल थे।
अधिकारियों और नेताओं की भी मिलीभगत
सरकारी विभागों में अधिकारियों की मिलीभगत के बिना यह घोटाला संभव नहीं था। मुंबई के ग्रांट रोड इलाके के एक डांस बार में नियमित रूप से उनके बारे में कहा जाता है कि उन्होंने एक मशहूर बॉलीवुड स्टार से मिलती-जुलती एक डांसर पर एक रात में लाखों उड़ा दिए थे। 2002 में पता चला की वह HIV पॉजिटिव हैं।
इस समय तक तेलगी के नकली ऑपरेशन का भी पर्दाफाश हो रहा था और एजेंसियों ने उसके रैकेट की जांच शुरू कर दी थी और उसके खिलाफ विभिन्न राज्यों में कई मामले दर्ज किए थे। 2001 में उन्हें अजमेर से गिरफ्तार किया गया।
2017 में मल्टीऑर्गन फेल्योर से हुई मृत्यु
2007 में उन्हें 20,000 करोड़ रुपये के नकली स्टांप पेपर घोटाले में 30 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई गई थी। उन्हें बेंगलुरु के परप्पना अग्रहारा सेंट्रल जेल भेजा गया। अक्टूबर 2017 में मल्टीऑर्गन फेल्योर से उनकी मृत्यु हो गई।
उनकी मृत्यु के एक साल बाद, नासिक सत्र अदालत ने तेलगी और उनके छः अन्य साथियों को फर्जी स्टांप पेपर मामले में उनके खिलाफ “ठोस सबूत” के अभाव में बरी कर दिया।