अनजाने में हम करते हैं अधिकतर चीनी उत्पादों का इस्तेमाल
डेस्क: ऑनलाइन शॉपिंग साइट्स से जो हम स्मार्ट फोन मंगाते हैं. सिर्फ वही चाइनीज नहीं है. बहुत से ऐसे उत्पाद हैं, जो चाइनीज है. जिनका हम अनजाने में उपयोग करते हैं. बच्चों के लिए बाजार से आने वाले खिलौने ही नहीं, बाजार में जहां-जहां हम चीनी सामानों के बीच खुद को पाते हैं.
केवल कम कीमत पर अधिक फीचर और स्पेसिफिकेशन वाला मेड इन चाइना फोन या फिर दिवाली के मौके पर झिलमिलाती रंगीन रोशनी वाले झालर ही चाइनीज सामान नहीं हैं, बल्कि इनकी सूची बेहद लंबी है. हम देखते हैं कि रोजाना की जरूरतों के सामान भी बड़ी तादाद में चीन से आते हैं. चाइनीज सामानों से पटे बाजारों पर नजर डालें तो इनमें इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स मसलन मोबाइल फोन, कैलकुलेटर, घड़ियां, टीवी, इलेक्ट्रॉनिक खिलौने, इलेक्ट्रॉनिक किचन एप्लायेंसेस जैसे सामानों के अलावा नॉन-इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स मसलन खिलौने, स्टफ्ड डॉल, नॉन इलेक्ट्रॉनिक किचन एप्लायेंसेस, कटलरी यहां तक झाड़ू और बालटी भी शामिल हैं. ये तो रही रोजाना के इस्तेमाल की जरूरत वाले सामान, लेकिन हम सौंदर्य प्रसाधनों पर नजर डालें तो वहां भी चीन अपनी पैठ बना चुका है.
लिपस्टिक, पावडर, काजल, बिंदी, झुमके, बालियां भी बड़ी तादाद में चीन से पहुंच रही हैं. खाने के सामानों में टॉफी, चॉकलेट, चिविंग गम, बिस्कुट, फ्रेशनर्स सहित विभिन्न खाद्य सामग्री चीन से हमारे घरों तक पहुंचती है. थोक बाजारों से चाइनीज सामान देश के अन्य बाजारों व दुकानों में पहुंचते हैं. चीन से आयात में केवल तैयारशुदा सामान ही नहीं बल्कि कच्चा माल और तकनीक भी आती है. दवा कारखानों में इस्तेमाल होने वाला अधिकांश कच्चा माल चीन से ही आता है. कई कारखानों की तकनीक और उपकरण चीन पर निर्भर हैं. उन्हें एकाएक बंद करना मुश्किल जान पड़ता है.
जानकारों का कहना है कि अचानक सामानों को बहिष्कार करना आसान नहीं है. इसके लिए लोगों को मानसिक रूप से तैयार करना होगा कि वह विकल्प के रूप में भारतीय सामानों को खरीदे, क्योंकि हमारे आस-पास चीनी सामानों का ढ़ेर लगा है.