यूपी चुनाव से पहले कांग्रेस इतने सस्ते में बेच रही है टिकट, जानिए कितनी है कीमत?
डेस्क: आने वाले साल में उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने हैं जिसकी तैयारी में सभी राजनीतिक पार्टियां लग चुकी है। कांग्रेस पार्टी भी अपने अनुसार से चुनाव की तैयारियों में लग चुकी है। चुनाव के लिए नेताओं को टिकट देने से पहले कांग्रेस अलग-अलग तरीकों से डोनेशन इकट्ठा करने में जोर दे रही है। इसके लिए कांग्रेस पार्टी ने एक सर्कुलर जारी किया है।
इस सर्कुलर में बताया गया है कि जो कोई भी यूपी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से टिकट पाना चाहते हैं, उन्हें अपने आवेदन के साथ-साथ ₹11000 की डोनेशन भी देनी होगी। तभी उनके आवेदन पर विचार किया जाएगा। बताया जा रहा है कि ऐसा वह चुनाव में होने वाले खर्चे को ध्यान में रखते हुए कर रहे हैं। यह सर्कुलर 14 सितंबर को कांग्रेस के राज्य कमेटी द्वारा जारी किया गया था।
कई तरह से कर सकते हैं पेमेंट
₹11000 के डोनेशन के लिए आवेदक डिमांड ड्राफ्ट, आरटीजीएस और मनीआर्डर का भी प्रयोग कर सकते हैं। सर्कुलर में बताया गया है कि केवल 25 सितंबर तक ही डोनेशन के साथ आवेदन पत्र लिया जाएगा। यह सर्कुलर जिला तथा प्रदेश स्तर पर जारी किया गया है। कई लोग इस पर सवाल भी उठा रहे हैं कि क्या इस तरह टिकट देने के नाम पर राशि इकट्ठा करना उचित है?
टिकट ना मिलने पर वापस लौट आए जाएंगे रुपए?
लोगों के मन में एक प्रश्न और उठ रहा है यदि आवेदक को टिकट नहीं मिलता है तो क्या उनके रुपए को वापस लौटाया जाएगा? इस विषय पर पार्टी ने अभी कुछ स्पष्ट नहीं किया है की ₹11000 की राशि पार्टी सहयोग राशि के तौर पर ले रही है या नहीं। इस विषय पर उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने सफाई देते हुए कहा है यह एक डकार का योगदान राशि है जो किसी संस्था या संगठन के कार्य करने के लिए आवश्यक है।
Uttar Pradesh Congress Committee president Ajay Kumar Lallu has asked party ticket seekers to donate Rs 11000 along with their applications for the Assembly polls, till Sept 25 pic.twitter.com/3o79rtcyl4
— ANI UP (@ANINewsUP) September 15, 2021
यूपी में “अब्बाजान” के बाद “चाचाजान” की राजनीति
यूपी विधानसभा चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश की सियासत धीरे-धीरे गर्मी पकड़ रही है पहले यहां अब्बा जान की राजनीति हो रही थी और अब चाचा जान की राजनीति शुरू हो गई है। दरअसल एक साक्षात्कार के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अखिलेश यादव के पिता मुलायम सिंह को “अब्बाजान” कह कर संबोधित किया था जिसके बाद से अखिलेश यादव और योगी आदित्यनाथ के बीच जुबानी जंग शुरू हो गई थी।
लेकिन अब राकेश टिकैत नहीं ए आई एम आई एम प्रमुख ओवैसी को भाजपा का चाचा जान कह कर संबोधित किया है। ऐसा उन्होंने इसलिए कहा है क्योंकि ओवैसी लगातार भाजपा को गालियां देते हैं और उनके बारे में भला बुरा कहते हैं। लेकिन फिर भी ओवैसी के खिलाफ भाजपा कोई एक्शन नहीं लेती ऐसे में राकेश टिकैत का दावा है कि यह लोग एक ही टीम के खिलाड़ी हैं। हालांकि टिकैत के इस बयान पर ओवैसी ने आपत्ति जताते हुए इसका विरोध किया है।