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लता मंगेशकर जी का यह गाना सुनकर तत्कालीन प्रधानमंत्री भी रो पड़े थे, आप भी सुनिए

 

डेस्क: जब भी देश भक्ति के गीतों की बात होती है तब लता मंगेशकर जी द्वारा गाए गए गीतों का नाम न लिया जाए ऐसा हो ही नहीं सकता। दरअसल उनके द्वारा गाए गए सभी गीतों को ही पसंद किया जाता है। उनके गीत अक्सर ही सुनने वालों के दिल को छू जाती है। यहां तक की उनके गीत को सुनकर देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री भी इतने भावुक हो गए थे कि वह अपने आंसुओं को नहीं रोक सके।

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आत्मविश्वास जगाने के लिए लिखी गयी यह गीत

हमारे देश के राष्ट्रगीत और राष्ट्रगान के बाद यदि कोई देश भक्ति वाला गीत सबसे लोकप्रिय है तो वह है लता मंगेशकर जी द्वारा गाया गया “ऐ मेरे वतन के लोगों”। 1962 के भारत-चीन के युद्ध में जब भारत को हार का सामना करना पड़ा था तब देशवासियों के आत्मविश्वास को फिर एक बार जागृत करने और शहीद हुए सभी जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए कवि प्रदीप ने एक कविता लिखने की ठानी।

गीत को गाने के लिए लता जी को चुना गया

एक दिन मुंबई के माहिम बीच पर टहलते हुए कवि प्रदीप के मन में कुछ शब्द आए जिन्हे उधार दे कागज पर लिख दिया और इस तरह से देशभक्ति का सबसे लोकप्रिय गीत बना। जब इस गीत को गाने के लिए लता मंगेशकर जी के सामने प्रस्ताव रखा गया तो उन्होंने इसे गाने से इनकार कर दिया क्योंकि उनके पास रिहर्सल के लिए समय नहीं था लेकिन बार-बार मनाए जाने के बाद वह मान गई और 1963 के गणतंत्र दिवस समारोह में इस गाने को गाने के लिए तैयार हो गई।

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गाने से पहले घबराई हुई थी लता


दिल्ली के जिस स्टेडियम में यह समारोह होने वाला था वहां तत्कालीन राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन के साथ प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और उनकी बेटी इंदिरा गांधी भी उपस्थित थी। इसके अलावा दिलीप कुमार और राज कपूर सहित कई नामचीन व्यक्ति भी उपस्थित थे। मंच पर इस गाने को गाने से पहले लता मंगेशकर थोड़ी घबराई हुई थी। लेकिन गाना ख़त्म होने के बाद सभी को यही बहुत पसंद आया। गाना खत्म करने के बाद जब स्टेज के पीछे लता कॉफी पीने चली गई।

Lata-Mangeshkar-with-Jawagarlal-Nehru

कुछ देर बाद प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने लता मंगेशकर को बुलावा भेजा। जब लता मंगेशकर प्रधानमंत्री के पास पहुंची तो पंडित जवाहरलाल नेहरू ने खड़े होकर उनका अभिवादन किया और कहा ” बहुत अच्छा! आपका गाना सुनकर मेरी आंखों में पानी आ गया।” इस प्रकार कवि प्रदीप द्वारा लिखे गए इस गीत को लता मंगेशकर ने अपनी आवाज देकर अमर बना दिया।

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