इस व्यक्ति के बिजनेस आइडिया ने युवाओं के करियर में ला दी क्रांति, आज है 85 हजार करोड़ की कंपनी का मालिक
डेस्क: एक अच्छी नौकरी पाकर सुखी जीवन जीने का सपना सभी युवा देखते हैं। लेकिन युवाओं के इस सपने को सच करने के लिए संजीव बिकचंदानी ने कुछ ऐसा किया जिससे वह करोड़ों युवाओं की मिसाल बन गए। उन्होंने अपने बिजनेस आइडिया के माध्यम से देश के करोड़ों युवाओं की जिंदगी में क्रांति ला दी। वह एक ऐसे बिजनेसमैन है जिन्होंने युवाओं के जीवन के सबसे मुश्किल काम को आसान कर दिया।
इन्फो एज और naukri.com कंपनी के मालिक संजीव बिकचंदानी ने अपने कंपनियों के माध्यम से एक बेहतर भविष्य के लिए शानदार नौकरी ढूंढने की युवाओं के सबसे बड़े चिंता को दूर कर दिया। उनके कार्यों के लिए 2020 में उन्हें पद्मश्री पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया।
President Kovind presents Padma Shri to Shri Sanjeev Bikhchandani for Trade and Industry. He is the founder of Info Edge India Limited and is known for investing in promising internet start-ups. Shri Bikhchandani is also involved in philanthropy. pic.twitter.com/hFLM76JVRo
— President of India (@rashtrapatibhvn) November 8, 2021
1990 में शुरू किया पहली कंपनी
अपने पढ़ाई के दौरान ही उन्हें इस बात का एहसास हो गया था कि उन्हें जीवन में कुछ अलग करना है और इस वजह से पढ़ाई खत्म करने के बाद वह अधिक दिनों तक नौकरी नहीं कर पाए। कुछ बड़ा करने की सोच के साथ उन्होंने नौकरी छोड़ दी और अपने लक्ष्य को हासिल करने में जुट गए। 1990 में उन्होंने अपने दोस्त के साथ इन मिलकर इंडमार्क और इंफोएज नाम के दो कंपनियों की स्थापना की लेकिन 3 साल बाद ही वह दोनों अलग हो गए और संजीव के हिस्से में इंफोएज कंपनी आई।
कोचिंग क्लास में पढ़ा कर चलाते थे अपना खर्च
शुरुआत में इस कंपनी से उनकी कमाई ना के बराबर होती थी। इसलिए अपना खर्चा निकालने के लिए संजीवनी कोचिंग क्लासेस में पढ़ाना शुरू किया। ऐसा करके वह महीने के ₹2000 तक कमा लेते थे और मुश्किल से ही अपना खर्चा निकाल पा रहे थे। 1996 में दिल्ली में आईटी के एशिया एग्जिबिशन में उनकी मुलाकात बीएसएनएल के ईमेल अकाउंट विक्रेता के साथ हुई इससे उन्हें वेबसाइट बनाने का आईडिया मिला।
उन्होंने अपने बड़े भाई से पैसे उधार लिए और naukri.com की शुरुआत की। Naukri.com को लॉन्च करने के बाद पहले साल में उन्हें केवल 25 लाख रुपए की ही बिजनेस प्रॉफिट हुई। दूसरे साल में उनकी प्रॉफिट 18 लाख रुपए रही। आज के समय में उनके कंपनी की वैल्यू करीब 85,760 करोड़ रुपए से भी अधिक है।
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